Barmer: ज्ञापन देने पहुंचे BJP नेताओं को नहीं मिले जिला कलेक्टर, मचा बवाल
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Barmer: ज्ञापन देने पहुंचे BJP नेताओं को नहीं मिले जिला कलेक्टर, मचा बवाल

बाड़मेर जिला मुख्यालय पर बीजेपी (BJP) की जन आक्रोश रैली में जबरदस्त तरीके से बवाल हो गया. केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी (Kailash Choudhary) के नेतृत्व में राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपने के लिए कलेक्टर के पास पहुंचे कलेक्टर कुर्सी पर नहीं थे और इसी बात पर नेता उप प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathod) और कैलाश चौधरी को जबरदस्त तरीके से गुस्सा आ गया. 

जन आक्रोश रैली.

Barmer: पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिला मुख्यालय पर बीजेपी (BJP) की जन आक्रोश रैली में जबरदस्त तरीके से बवाल हो गया. केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी (Kailash Choudhary) के नेतृत्व में राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपने के लिए कलेक्टर के पास पहुंचे कलेक्टर कुर्सी पर नहीं थे और इसी बात पर नेता उप प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathod) और कैलाश चौधरी को जबरदस्त तरीके से गुस्सा आ गया. बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन वहीं छोड़कर वापस बाहर निकल कर आए और जब कलेक्टर साहब वहां पहुंचे तो किसी ने उन्हें ज्ञापन नहीं दिया. 

बाड़मेर जिला मुख्यालय पर बीजेपी ने आज राजस्थान की गहलोत सरकार के 3 साल के पूरे होने पर गहलोत सरकार की नीतियों के विरोध में जन आक्रोश रैली (Jan Aakrosh Rally) का आयोजन किया था, जिसमें विधानसभा के उप नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ ,केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी बाड़मेर संगठन प्रभारी और राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत ने संबोधित करते हुए राजस्थान की गहलोत सरकार पर जमकर जुबानी हमला बोला और कानून अवस्था से लेकर अन्य कई मुद्दों पर सरकार को घेरा. 

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वहीं, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राजस्थान बाड़मेर में लोकतंत्र पूरी तरीके से खत्म हो गया है. प्रशासन को यह पता था कि इतनी बड़ी रैली का आयोजन किया जा रहा है लेकिन उसके बावजूद भी कलेक्टर साहब सीट पर नहीं मिले. राजस्थान में कानून व्यवस्था पूरी तरीके से चरमराई हुई है इसलिए देख सकते हैं कि बीजेपी की जन आक्रोश रैली में विशाल जनसमूह उमड़ा है. साथ हीं,  नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी मीडिया से रूबरू होते हुए राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए जिला कलेक्टर कुर्सी पर नहीं मिलने से नाराज होकर कहा कि जिला कलेक्टर को इस कुर्सी पर रहने का कोई अधिकार नहीं है. 

 

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