शिविर से समाधानः जोधपुर में पहले दिन करीब 103 प्रकरणों का मौके पर किया निस्तारण
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शिविर से समाधानः जोधपुर में पहले दिन करीब 103 प्रकरणों का मौके पर किया निस्तारण

23 अप्रैल से 8 मई तक जिले वार "जिला स्तरीय बकाया प्रकरण निस्तारण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं. शिविर के पहले दिन करीबन 103 प्रकरणों का निस्तारण मौके पर कर उन्हें राहत प्रदान की गई. 

 

103 प्रकरणों का निस्तारण मौके पर कर उन्हें राहत प्रदान की गई.

जोधपुरः प्रदेश मुख्यमंत्री द्वारा राज्य के कर्मचारियों के हितों के लिए सदैव विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाती रही हैं. इसी तर्ज चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग में पहली बार कर्मचारियों को सहूलियत प्रदान करते हुए जिन प्रकरणों का निस्तारण राज्य स्तर पर होता है, उन्ही प्रकरणों का निस्तारण जिला स्तर किया गया. कार्मिकों को राहत देने के लिए विशेष शिविरो का आयोजन कर लंबित प्रकरणों का निस्तारण किया जा रहा है.

मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बलवंत मंडा ने बताया कि चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशानुसार 23 अप्रैल से 8 मई तक जिले वार "जिला स्तरीय बकाया प्रकरण निस्तारण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं. शिविर के पहले दिन करीबन 103 प्रकरणों का निस्तारण मौके पर कर उन्हें राहत प्रदान की गई. 

उन्होंने बताया कि राज्य स्तरीय दल दूसरे दिन 8 मई को सीएमएचओ कार्यालय के साथ ही जोधपुर के डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज सलग्न अस्पतालों के अधीन कार्यरत कर्मचारियों के बकाया प्रकरण निस्तार के लिए मेडिकल कॉलेज में भी भ्रमण करेगी. इस अवसर पर जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर कौशल दवे, प्रशासनिक अधिकारी प्रेम सिंह राजपुरोहित, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी वीरेंद्र सिंह, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी संजय शर्मा, सहयक प्रशासनिक अधिकारी किशनसिंह, वरिष्ठ सहायक उत्तम मेहता, वरिष्ठ सहायक सतीश राजपुरोहित, वीजे केनेडी, पंकज बोहरा आदि कार्मिकों की टीम ने इस शिविर में अपनी सेवाएं दी.

मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी सोच के चलते इन शिविरों में अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा प्रोबेशन काल में लिए गए अवकाश/असाधारण अवकाश स्वीकृति के आदेश जारी करने, संतोषजनक प्रोबशन काल पूर्ण होने पर नियमित वेतनमान दिए जाने, अवकाश एवं असाधारण अवकाश स्वीकृत करने, परीक्षा/अध्ययन अनुमति के नियमानुसार आदेश जारी करने, अधिकारियों के पासपोर्ट आवेदन हेतु एनओसी जारी करने, कार्मिकों के 9,18 एवं 27 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के एसीपी जारी करने, चिकित्सा अधिकारी के डीएसपी के प्रस्ताव राज्य स्तर पर भिजवाने, कार्मिक की मृत्यु होने पर सेवा के नाम विलोपित करने, चिकित्सकों/कार्मिकों के एसीआर संबंधित कार्य, लंबित वेतन वृद्धि के आदेश जारी करने आदि प्रकार के कार्य जिला स्तर पर एक ही छत के नीचे किए जाकर कार्मिकों को राहत प्रदान की जा रही है.

रिपोर्टर: अरुण हर्ष

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