Jodhpur News: पिता की उम्मीदों पर खरा उतरा धार्मिक जैन, 25 साल बाद पूरा किया सपना, सीए परीक्षा में जोधपुर चैप्टर में हासिल किया दूसरा स्थान
जोधपुर इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया ने चार्टर्ड अकाउंटेंसी का नवंबर परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है. परीक्षा में कुल 11,253 स्टूडेंट पास हुए हैं. इस परीक्षा में कई प्रतिभाएं निकलकर सामने आई.
Jodhpur News: जोधपुर इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया ने चार्टर्ड अकाउंटेंसी का नवंबर परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है. परीक्षा में कुल 11,253 स्टूडेंट पास हुए हैं. इस परीक्षा में कई प्रतिभाएं निकलकर सामने आई. इन्हीं में से एक है जोधपुर के धार्मिक जैन.
जिनके पिता खुद सीए के एग्जाम में 7 बार फेल हुए लेकिन 25 साल बाद उनके बेटे ने सीए बनकर उनका सपना पूरा किया. रिजल्ट आने के बाद धार्मिक जैन के पिता धर्मचंद जैन भावुक हो गए. उनके बेटे ने जोधपुर चैप्टर में 431 अंक के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया एवं ऑलओवर इंडिया में 42 रैंक हासिल की. धार्मिक ने बताया कि उनके पिता का सपना था कि वह सीए बने इसके लिए रोजाना सुबह 6:30 बजे उठता और 13 से 14 घंटे तक पढ़ाई की. रिफ्रेश होने के बाद मेडिटेशन, योगा करता था फिर इसके बाद पढ़ाई शुरू की. सोशल मीडिया से दूर रहे, दोस्तों से भी दूरी बनाई.
6 माह तक काफी मेहनत से ये मुकाम हासिल हुआ. धार्मिक के पिता धर्मचंद जैन कपड़े का व्यापार करते हैं. उन्होंने खुद 7 बार सीए का एग्जाम दिया था, लेकिन खुद सफल नहीं हो पाए, लेकिन आज बेटे के सीए बनने पर भावुक हो गए. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने पढ़ाई की उस समय आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं थी, वहीं पढ़ाई के लिए उचित संसाधन भी नहीं थे. उस समय उन्होंने A ग्रुप पास किया था, लेकिन सेकेंड ग्रुप में पास नहीं हो पाए थे. उन्होंने बताया कि साल 2000 में उन्होंने सीए का एग्जाम दिया था.
आज 25 साल बाद बेटे ने उनका सपना पूरा किया है. धार्मिक पावटा सी रोड इमरतिया बेरा में रहते हैं. पिता धर्मचंद जैन की कपड़े की दुकान है. धार्मिक तीन बहनों के इकलौता भाई है. उनकी बड़ी बहन प्राइवेट जॉब करती है.
पिता धर्मचंद जैन ने बताया कि वो कपड़े का व्यापार करते हैं. उन्होंने खुद 7 बार सीए का एग्जाम दिया था, लेकिन खुद सफल नहीं हो पाए, लेकिन आज बेटे के सीए बनने पर भावुक हो गए. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने पढ़ाई की उस समय आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं थी, वहीं पढ़ाई के लिए उचित संसाधन भी नहीं थे. आज 25 साल बाद बेटे ने उनका सपना पूरा किया है. इस दौरान वो भावुक हो गए. बेटे की सफलता पर उनकी आंखों से खुशी के आंसू निकलने लगे.