राजस्थान के बाड़मेर में सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों ने कैंडल मार्च (Candle March) निकालकर एनपीएस (NPS) योजना की विफलता पर हल्ला बोला. सरकारी कर्मचारियों ने पेंशन हक़ है, लेकर रहेंगे के नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया.
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Barmer : राजस्थान के बाड़मेर में सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों ने कैंडल मार्च (Candle March) निकालकर एनपीएस (NPS) योजना की विफलता पर हल्ला बोला. सरकारी कर्मचारियों ने पेंशन हक़ है, लेकर रहेंगे के नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया. आपको बता दें कि, न्यू पेंशन स्कीम (New Pension Scheme) एम्पलॉइज फैडरेशन ऑफ राजस्थान के आह्वान पर हल्ला बोल आन्दोलन के तीसरे चरण में सभी जिला और उपखंड मुख्यालयों पर सामूहिक रूप से हजारों की संख्या में एकत्र होकर राजस्थान के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया.
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प्रदर्शन में शामिल अर्धसैनिक बलों और आईएएस अधिकारियों समेत केन्द्र के 22 लाख, 33 हजार, 348 नो पेंशन स्कीम कर्मचारियों और अधिकारियों समेत राजस्थान के 5 लाख सरकारी, 2 लाख अर्धसरकारी कार्मिकों की 01 जनवरी 2004 से पेंशन छीने जाने की बरसी पर हजारों की संख्या में केंडल मार्च निकाल कर एनपीएस योजना का विरोध किया गया. इस मौके पर सभा को संबोधित करते हुए संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता आन्दोलन के पश्चात अंग्रेजो ने इस देश में राजकीय कर्मचारियों के लिए पेंशन व्यवस्था शुरू की परन्तु बड़ी विडंबना है कि अब इसे छीना जा रहा है.
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प्रदर्शन कर रहे न्यू पेंश एम्पलॉयज अधिकारियों ने कहा कि संविधान की 7 वीं अनुसूची के अनुच्छेद 245 से 255 की भावना का उल्लंघन करते हुए, पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्य सरकारों ने कर्मचारियों पर शेयर बाज़ार आधारित नवीन अंशदायी पेंशन योजना थोप दी, जो पेंशन योजना ना होकर म्युचुअल फंड योजना है. संगठन के मुताबिक मानवाधिकार आयोग ने भी न केवल पेंशन बल्कि सेवा निवृत होने पर मिलने वाले सभी लाभ- ग्रेच्युटी,समर्पित अवकाश भुगतान, प्रोविडेंट फंड आदि को मानवाधिकार माना हैं.
Report : Bhupesh Acharya