Jaisalmer में आने वाले सैलानियों के लिए अच्छी खबर, शुरू हो सकता है बॉर्डर टूरिज्म
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Jaisalmer में आने वाले सैलानियों के लिए अच्छी खबर, शुरू हो सकता है बॉर्डर टूरिज्म

भारत-पाक सीमा से सटे खूबसूरत जैसलमेर में बॉर्डर टूरिज्म (Border Tourism) को लेकर भावनाओं को बल मिला है.

प्रतिकात्मक तस्वीर.

Jaisalmer​: भारत-पाक सीमा (Indo Pak Border) से सटे खूबसूरत जैसलमेर में बॉर्डर टूरिज्म (Border Tourism) को लेकर भावनाओं को बल मिला है. कुछ समय पूर्व जैसलमेर में पर्यटन विकास (Tourism Development) को लेकर हुई बैठक फिर से सुर्ख़ियों में है. जैसलमेर में पर्यटन में नवाचार के तौर पर बॉर्डर टूरिज्म एक अहम कड़ी है. अमृतसर जाने वाले लोगों में वाघा बॉर्डर (Wagah Border) पर भारत तथा पाकिस्तान के बीच रोजाना होने वाली रिट्रीट सेरेमनी (Retreat Ceremony) आकर्षण का केंद्र होती है और सिक्किम में भारत-चीन सीमा क्षेत्र नाथू-ला दर्रा (Nathu-La Pass) तक जाने की छूट पर्यटकों (Tourists) को मिलती है, उसी तर्ज पर जैसलमेर के किसी एक या दो सीमा क्षेत्रों तक सैलानियों की पहुंच बढ़ाई जा सकती है. 

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जैसलमेर घूमने आने वाले सैलानी विशेषकर देशी पर्यटकों में बॉर्डर (Border) देखने की बेतहाशा चाहत होती है. वे यहां सीमावर्ती तनोटराय देवी के मंदिर (Mateshwari Tanot Rai Temple) में दर्शन करने के साथ लोंगेवाला युद्धस्थल (Longewala Battleground) पर प्रतिवर्ष हजारों की तादाद में पहुंचते हैं. बड़ी संख्या में तनोट के दर्शनार्थी वहां से करीब 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बीएसएफ (BSF) की बबलियानवाला पोस्ट पर जाने की इच्छा जताते हैं. अनेक लोगों को सामान्य हालात होने पर बीएसएफ वहां तक जाने की अनुमति भी देती है. फिर भी अधिकतर लोगों को मायूस होना पड़ता है. यदि एक प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद बॉर्डर देखने की अनुमति जारी करने की व्यवस्था हो जाए तो सैलानियों की तादाद में भी इजाफा हो सकता है.

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केंद्र सरकार (Central Government) और बीएसएफ अपने स्तर पर प्रयास करें तो बॉर्डर टुरिज्म के माध्यम से जैसलमेर के पर्यटन को पंख लग सकते हैं. जैसलमेर आने वाले पर्यटक भारत पाक बॉर्डर देंखने की इच्छा रखते हैं. परन्तु सरकार की नीतियां कहीं ना कहीं बाधा बन जाती है. बॉर्डर टूरिज्म को की पहल पिछले लंबे अरसे से केवल चर्चाओं में ही चल रही है.

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वर्तमान में जैसलमेर के आठ पुलिस थाना क्षेत्र ऐसे हैं, जहां विदेशी तो क्या देशी सैलानियों को भी जाने की अनुमति नहीं है. उन्हें जाने के लिए पूर्वानुमति लेनी होती है, जबकि अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियां और वन्य जीवन सैलानियों के लिए आकर्षण का नया केंद्र बन सकती हैं. लेकिन अब फिर उम्मीद जगी है कि क्योकि हाल ही जैसलमेर दौर पर आए सीमा सुरक्षा बल के आईजी पंकज घूमर ने बॉर्डर टुरिज्म के सवाल पर बात करते हुए कहा कि जैसलमेर के पर्यटन स्थल सम से आगे धनाना चौकी और तनोट से 15 किलोमीटर दूर बबिलियान चौकी पर टुरिज्म डेवलपमेंट करने के प्रयास किए जा रहे है.

Report-Shankar Dan

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