Jodhpur: बहुचर्चित नमक कारोबारी और भाजपा किसान मोर्चा के अध्य्क्ष जयपाल पूनिया की 14 मई को नावा में हुई हत्या के मामले की जांच ट्रांसफर सीबीआई से करवाने की मांग को लेकर दायर पूनिया की पत्नी सरिता चौधरी की याचिका पर राजस्थान हाई कोर्ट मुख्य पीठ जोधपुर में सुनवाई हुई. राजस्थान हाई कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए पुलिस के चालान पेश करने पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है. साथ ही मामले में सीबीआई, राज्य सरकार, एमडी सांभर साल्ट लिमिटेड के साथ ही नावा विधायक महेंद्र चौधरी को नोटिस जारी जवाब तलब किया है.


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सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामावतार सिंह चौधरी ने पैरवी करते हुए बताया कि जयपाल पूनिया और विधायक महेंद्र चौधरी के भाई मोती सिंह ने साझेदारी में नमक कारोबार शुरू किया, इसके बाद जयपाल ने अपना कारोबार अलग कर दिया और इसके बाद जब पूनिया ने विधायक के काले कारनामो यानि नामक से जुड़े अवैध कामो की शिकायत कर बंद करवा दिया तो इसी को लेकर विधायक और उसके भाई रिश्तेदार उससे रंजिश रखने लगे. इसी रंजिश में 14 मई को जयपाल पूनिया की हत्या करवा दी. इसके बाद सीएम ने एसआईटी से जांच करवाने की बात कही लेकिन अभी तक केवल सीआईडी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को जांच दी है.


मामले में विधायक का भाई मोती सिंह को गिरफ्तार किया है, साथ ही शूटर को गिरफ्तार कर पुलिस कोर्ट में चालान पेश करने की तैयारी में है जिससे विधायक और उनके रिश्तेदारों को बचाया जा सके. ऐसे में पीड़ित परिवार को पुलिस से कोई निष्पक्ष जांच और न्याय मिलने की उम्मीद है. ऐसे में याचिकाकर्ता की याचिका को स्वीकार कर मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर की जाए जिससे वास्तविक दोषी गिरफ्तार हो सके और पूरी सच्चाई सामने आ जाए. अदालत ने अधिवक्ता के तर्क सुनने के बाद मामले में आगामी आदेश तक चालान पेश करने पर रोक लगाते हुए मामले में सीबीआई, राज्य सरकार, एमडी, सांभर साल्ट प्लांट लिमिटेड, विधायक महेंद्र चौधरी को नोटिस जारी कर 27 जून तक जबाब तलब किया है.


Report: Bhawani Bhati


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