Jaisalmer: तानाशाह प्रशासन के आगे नतमस्तक ग्रामीण! पानी के लिए तरस रहे गांववाले और जानवर
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Jaisalmer: तानाशाह प्रशासन के आगे नतमस्तक ग्रामीण! पानी के लिए तरस रहे गांववाले और जानवर

Jaisalmer News: सेवड़ा में पिछले 7 दिनों से जल संकट गहराया हुआ, लेकिन विभाग के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं. 

 

पानी के लिए तरस रहे गांववाले और जानवर. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Jaisalmer: कोरोना काल का हर कोई दंश झेल रहा है. इस बीच अगर किसी को पीने का पानी भी नहीं मिले तो वो वैसे ही मर जाएगा. सरकार एक तरफ तो हर घर पानी का नल लगाने के दावे कर रही है वहीं, जैसलमेर जिले के सत्याया पंचायत के सेवड़ा गांव के ग्रामीण तानाशाह और लाचार प्रशासन के आगे नतमस्तक होते दिख रहे हैं.

ग्रामीणों का आरोप है कि जलदाय विभाग के अधिकारी ग्रामीणों का फोन भी नहीं उठा रहे हैं. दरअसल, सेवड़ा में पिछले 7 दिनों से जल संकट गहराया हुआ, लेकिन विभाग के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं. बेबस ग्रामीण और पशुओं को पीने का पानी भी नसीब नहीं हैं.

दरअसल, सीमावर्ती जिले जैसलमेर के सत्याया पंचायत के सेवड़ा गांव में इस भंयकर गर्मी में पीने का पानी भी नहीं मिल रहा है. ग्रामीणों ने बताया की सेवड़ा में पिछले 7 दिनों से बुरी तरह जल संकट गहराया हुआ है. इसको लेकर जब जलदाय विभाग को फोन किया जाता है तो एक बार भी कॉल रिसीव नहीं किया जा रहा है. जबकि सरकार द्वारा जनता की सेवा के लिए अधिकारियों को लगाया जाता है.

वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि जलदाय विभाग के जूनियर इंजीनियर को कॉल करने पर केवल घंटी ही जाती हैं. फोन उठाना शायद उनको मंजूर नहीं है. इतनी भीषण गर्मी में 7 दिन जिस तरह से ग्रामीणों और पशुओं ने निकाला है वो वाकई काबिलेतारीफ है. लेकिन आवारा पशुओं की दहाड़ती चीखें ग्रामीणों को केवल मूकदर्शक बने हुए ही सुनाई दे रहीं हैं.

जलदाय विभाग में केवल लुका छिपी का खेल चल रहा है और सभी दूसरों के कंधे पर बंदूक चला रहे हैं. कोई भी ग्रामीणों की सुध नहीं ले रहा हैं. अगर आज समाधान ना हुआ तो कई पशुधन प्यासे ही मर जाएंगे, जिसका पाप केवल ग्रामीणों को लगेगा. क्योंकि अधिकारियों का तो यह रोजाना का काम है.

(इनपुट-शंकर दान)

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