Jodhpur: फलोदी के निकट खीचन गांव में गोवंशों के रख-रखाव को लेकर संचालित राधाकृष्ण गोशाला को कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा शिकायत कर उसे निजी अतिक्रमण बताकर हटाने की कार्रवाई को लेकर तहसीलदार द्वारा जारी आदेशों के विरोध में क्षेत्र के गोभक्तों ने प्रदेश मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम डॉ अर्चना व्यास को ज्ञापन सौंपा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उपखंड क्षेत्र के खीचन गांव स्थित राधाकृष्ण गोशाला को हटाने के लिए तहसीलदार फलोदी द्वारा दिए नोटिस के बारे उपखंड अधिकारी डॉ अर्चना व्यास को ज्ञापन देकर गोसेवकों ने अपना कड़ा विरोध जताया है. साथ ही कहा कि पहले अन्य अतिक्रमणों को हटाने उपरांत ही यहां पर कार्रवाई करें. 


गोसेवकों ने ज्ञापन में कहा है कि ग्राम पंचायत खीचन तहसील फलोदी में स्थित राधाकृष्ण गोशाला सार्वजनिक गोशाला है, जिसमें असहाय और निराश्रित गोवंश का पालन-पोषण किया जाता है, जिसमें कुछ भी निजी नहीं है. यह गोसेवा आयोग राजस्थान से पंजीकृत है जिसका नं. जीपी 21/249 है. ग्राम पंचायत खीचन द्वारा आवारा पशुओं को जो किसानों की खेती का नुकसान कर रहे थे. कई बार पकड़कर उक्त गोशाला में रखवाया गया है, जिसकी बराबर एक समान देखभाल की जा रही है. 


यह भी पढ़ें - राजस्थान से ISI के 2 जासूस गिरफ्तार, पाकिस्तान भेज रहे थे भारतीय सेना की खुफिया जानकारी


ज्ञापन में यह भी कहा कि गोवंश में फैली महामारी लंपी के चलते खीचन के अनेकों संक्रमित गोवंश को अलग से रखने की व्यवस्था भी उक्त गोशाला में महाराज दयानंद गिरी जी के द्वारा की गई है. इसलिए उक्त गोशाला के द्वारा पूरी तरह से जनहित में ही कार्य किया जा रहा है. उक्त गोशाला के खिलाफ जिन लोगों ने माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है वे लोग एक ही परिवार के है. 


इतना ही नहीं उन लोगों ने भी राजस्व भूमि पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण कर रखा है, जिनकी अविलंब कार्रवाई हो और उन्हें तत्काल बेदखल किया जाए. वर्तमान में जगह-जगह अतिक्रमण हो रहे है, जो केवल व्यक्तिगत स्वार्थ पूर्ति के हेतु ही हो रहे है. 


फलोदी में तो जब से राजस्व भूमियों को नगरपालिका फलोदी को सुपुर्द की गई है. अवैध कब्जों की बाढ़-सी आ गई है. विभिन्न सड़कों के दोनों ओर अवैध दुकानें बना दी गई है. केबिन रखकर व्यापार किया जा रहा है, जिनकी कई बार प्रशासन को शिकायए किए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. 


इस निवेदन के जरिए प्रशासन को सूचित किया जाता है कि सर्व प्रथम निजी उपयोग में लिए जाने वाले अतिक्रमणों को बेदखल किए जाने की कार्रवाई करें, उसके बाद ही उक्त प्रकार की गोशालाओं को बेदखल करने की सोचे अन्यथा साधारण जन मानस प्रशासन के इस दोहरे रवैये के खिलाफ सड़कों पर आयेगा और उग्र आन्दोलन करेगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी.


Reporter: Arun Harsh


जोधपुर की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


खबरें और भी हैं...


Rakesh jhunjhuwala passes away: शेयर बाजार के दिग्गज राकेश झुनझुनवाला का निधन, राजस्थानी परिवार में हुआ था जन्म


Azadi Ka Amrit Mahotsav: दुल्हन की तरह सजी 'पिंकसिटी', तिरंगे के रंग में रंगा जयपुर


Aaj Ka Rashifal: मेष राशि में सिंगल लोगों को आज मिलेगा अपना क्रश, मिथुन अपने सीक्रेट्स किसी से न करें शेयर