संगठन की ओर से कोविड गाइडलाइन के अनुसार अनुशाषित प्रदर्शन करते हुए सभी कोविड प्रोटोकॉल की पालना की गई.
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Jodhpur: जिले में 23 तहसील और उपतहसील पर प्रदर्शन और ज्ञापन कार्यक्रम हुआ. भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर तहसील और उपखण्ड स्तर पर ज्ञापन सौंपे.
भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसानों ने लागत आधारित लाभकारी मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर देशव्यापी आंदोलन के तहत संगठनात्मक जिले जोधपुर और फलौदी में 23 तहसील और उपतहसील पर धरना प्रदर्शन के पश्चात सक्षम प्राधिकारी को महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन के सौंपे गए.
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इस दौरान फलौदी, बाप, बिलाड़ा, डांगियावास, लोहावट, तिंवरी, बालेसर, बापिणी, मतोड़ा, सेतरावा, देचू, सेखाला, जोधपुर, झंवर, बावड़ी, ओसियां, घण्टियाली, भोपालगढ़, पीपाड़, जोधपुर महानगर, शेखासर, आउ व लूणी में प्रदर्शन व ज्ञापन कार्यक्रम हुए. इससे पूर्व 1 जनवरी से 10 जनवरी तक वर्तमान एमएसपी और लाभकारी मूल्य पर जनजागृति हेतु जनजागरण अभियान चलाया गया था, जिसमें जोधपुर और फलौदी दोनों संगठनात्मक जिलों में 600 से अधिक ग्राम इकाइयों में किसानों से संपर्क किया गया.
संगठन की ओर से कोविड गाइडलाइन के अनुसार अनुशाषित प्रदर्शन करते हुए सभी कोविड प्रोटोकॉल की पालना की गई. संगठन की ओर से इसी विषय को लेकर अगस्त 2020 में ग्राम इकाइयों से प्रस्ताव लेकर प्रधानमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री को ईमेल से भेजे थे. वहीं 8 सितम्बर 2021 को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर जिला कलेक्टरों के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भेजे थे.
ओसियां उपखण्ड अधिकारी रतनलाल रेगर को ज्ञापन सौंपने के दौरान ओसियां तहसील अध्यक्ष गोपाराम जाजड़ा, जिला कार्यकारिणी सदस्य मेघसिंह उदावत, मिसाराम, चिमनाराम जाणी, डालाराम भाकर सहित किसान संघ के कार्यकर्ता भंवराराम सिंवर, लिखमाराम, रेवतराम, केवलराम, पदमाराम, गोरखराम, गोपालराम डालूराम, चैनाराम, रामूराम सहित ओसियां क्षेत्र के बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे.
वर्तमान में समर्थन मूल्य निर्धारित करने हेतु लागत निकालने के तय फॉर्मूले -
A2 - इस फॉर्मूले में बीज, खाद, डीजल, बारदान, रसायन, मजदूरी इत्यादि नकदी खर्च जो फसल उत्पादन के दौरान नियमित रूप से होते हैं, उन खर्चों को शामिल किया जाता है.
FL - इस फॉर्मूले के तहत फसल उत्पादन में लगने वाली कृषक परिवार की मजदूरी (फार्मर लेबर) को शामिल किया जाता है.
C2 - इस फॉर्मूले के तहत जमीन लीज रेंट/जमीन मूल्य अनुसार आंकलित पूंजी, सिंचाई हेतु स्थाई संसाधन निर्माण पूंजी, कृषि उपकरणों की लागत सहित विभिन्न पूंजी लागत पर ब्याज शामिल किया जाता है.
क्या कहना है संघ के प्रदेश मंत्री तुलछाराम सिंवर का
भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री तुलछाराम सिंवर ने बताया कि वर्तमान एमएसपी तय करने के सूत्र में किसानों को अकुशल श्रमिक मानकर मजदूरी जोड़ी जाती है. वहीं किसानों के ट्यूबेल, कृषि मशीनरी और सिंचाई उपकरणों का मूल्य घटने से होने वाले नुकसान को खर्च में शामिल नही किया जाता है. ऐसे में संगठन एमएसपी ज्ञात करने के तरीके में बदलवा चाहता है. भारतीय किसान संघ की मांग है कि वर्तमान C2 फॉर्मूले से ज्ञात लागत में जोड़ी गई कृषक मजदूरी को कुशल उद्यमी के लिए निर्धारित दैनिक आय के अनुसार जोड़ कर फसल उत्पादन के लिए स्थाई संशाधन जैसे ट्यूबेल, पंप, सिंचाई उपकरण, बुवाई उपकरण, हार्वेस्टिंग मशीनरी सहित विभिन्न संशाधनों पर ह्यास मूल्य (डेप्रिसिएशन) को खर्च में शामिल कर ज्ञात कुल उत्पादन लागत पर लाभांश जोड़ कर तय मूल्य के अनुसार फसलों का मूल्य घोषित किया जाकर, घोषित मूल्य दिलाना सुनिश्चित करने के कानूनी प्रावधान किये जावें.
ज्ञापन में ये मुख्य मांगें -
Reporter- Arun Harsh