महंगाई से परेशान लोग बोले, बेलगाम कीमतें काबू में करे सरकार, बिगड़ रहा रसोईं का बजट
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महंगाई से परेशान लोग बोले, बेलगाम कीमतें काबू में करे सरकार, बिगड़ रहा रसोईं का बजट

जोधपुर में भी महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है, वहीं पेट्रोल-डीजल, तेल-दाल से लेकर रसोई गैस तक सबकुछ महंगा हो गया है , पेट्रोल और डीजल के दाम तो दिनोंदिन बढ़ रहे है , इसके अलावा रसौई गैस की कीमतों में भी बढ़ोतरी की गई है. 

 

महंगाई से परेशान लोग बोले, बेलगाम कीमतें काबू में करे सरकार, बिगड़ रहा रसोईं का बजट

लुणी: जोधपुर का लुणी शहर हो या गांव महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है, पेट्रोल-डीजल, तेल-दाल से लेकर रसोई गैस तक सबकुछ महंगा हो गया है, पेट्रोल और डीजल के दाम तो पांच दिन के अंदर चार बार बढ़े हैं, इसके अलावा रसौई गैस की कीमतों में भी बढ़ोतरी की गई है, दूध हो या फिर सब्जी रोजमर्रा की चीजों की कीमतें बेतहाशा बढ़ती जा रही हैं, यही वजह है कि बढ़ती महंगाई को लेकर सियासत भी गर्माने लगी है, लेकिन आम नागरिक पर बोझ कम होने का नाम नहीं ले रहा है, जहां अप्रैल 2020 में जहां आम आदमी कोरोना महामारी से जूझ रहा था, तो आज अप्रैल 2022 में आम आदमी महंगाई के दर्द से कहरा रहा है. 

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पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस और खाद्य पदार्थों की बेलगाम कीमतों ने घर की रसोई का पूरा बजट ही बिगाड़ दिया है, एक मध्यम वर्गीय परिवार पर 10-15 हजार रुपये से अधिक का खर्च का बोझ बढ़ गया है. कोरोना के बाद पेट्रोल के दाम दो साल में 38 रुपए लीटर बढ़ गए हैं. 2020 में पेट्रोल के दाम जहां 77 रुपये प्रति लीटर के आसपास थे, तो वहीं आज पेट्रोल के दाम 117 रुपये प्रति लीटर है, डीजल के दामों में भी इसी तरह की बढ़ोतरी देखी गई है, इसी के साथ गैस सिलेंडर के दाम दो साल में लगभग डबल हो गए हैं,अप्रैल 2020 में घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 600 रुपये प्रति सिलेंडर थी. उसकी कीमत आज एक हजार रुपये हैं.

क्या कहते हैं व्यापारी
व्यापारी राजेंद्र सिंह और श्रवण पटेल का कहना है कि दिन-प्रतिदिन डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ने के कारण व्यवसाय पर भी खासा असर दिखाई दे रहा है, ट्रांसपोर्टिंग का चार्ज बढ़ा है, माल भाड़ा बढ़ने के कारण किसानों और आम लोगों को सामानों के दाम भी बढ़ रहे हैं, कृषि संबंधित एवं खाद्य सामग्री के दाम एकदम से बढ़ गए हैं. व्यापारियों को भी इस बढ़ती महंगाई का सामना करने में बहुत दिक्कतें आ रही हैं.

गृहिणी ममता का कहना है कि पहले ही रसोई गैस सिलिंडर महंगा होने से दिक्कत थी , अब 50 रुपये और बढ़ने से बजट बिगड़ गया है. समझ में नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए?  गृहिणी चांदनी चौहान का कहना है कि सरकार गैस सिलेंडर के लगातार दाम बढ़ा रही है, महंगाई के बढ़ने से गरीब और मध्यम वर्गीय लोग के लिए परिवार का पालन करना मुश्किल हो गया है.

 किसान गोपाराम का कहना है कि डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दामों से खाने-पीने से लेकर कृषि उपकरण भी महंगे हो रहे हैं. दूसरी तरफ हमारी फसलें खराब होती जा रही हैं , उपज कम होने के कारण आर्थिक स्थिति तो पहले से ही चरमरा चुकी है. 

रिपोर्टर: अरुण हर्ष

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