Pokaran: शो-पीस बन कर रह गई है ई-मित्र प्लस मशीनें, इंटरनेट के अभाव में हो रही है खराब
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Pokaran: शो-पीस बन कर रह गई है ई-मित्र प्लस मशीनें, इंटरनेट के अभाव में हो रही है खराब

जैसलमेर जिले के सभी सरकारी विभागों में लगाई गई ई-मित्र प्लस मशीनें इंटरनेट के अभाव में शो-पीस बन कर रह गई और आमजन के लिए लगाई गई यह लाखों की ई-मित्र प्लस मशीनें खराब हो रही है.

ई-मित्र प्लस मशीनें

Pokaran: राजस्थान के जैसलमेर जिले के सभी सरकारी विभागों में लगाई गई ई-मित्र प्लस मशीनें इंटरनेट के अभाव में शो-पीस बन कर रह गई और आमजन के लिए लगाई गई यह लाखों की ई-मित्र प्लस मशीनें खराब हो रही है.

आधुनिक तकनीक के माध्यम से आम लोगों को एक ही छत के नीचे कई तरह की सरकारी और निजी सेवा मिले इसी उद्देश्य से पूर्व सरकार की ओर से लाखों रुपये खर्च कर ई-मित्र प्लस मशीन शुरू की गई लेकिन ई-मित्र प्लस मशीनें विभागीय कार्यालयों और विभिन्न विभागों में इंटरनेट के अभाव में शो-पीस बन कर रह गई है. जिसकी कोई सुध तक नहीं ले रहा है. आमजन में जागरुकता और जानकारी के अभाव में कई माह बीत जाने के बाद भी अब तक इन मशीनों का आमजन उपयोग नहीं कर रहा है. 6 महिने से अधिक समय के बाद भी मशीनें कई सरकारी कार्यालयों में धूल फांक रही है.

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साथ ही पोकरण नगर पालिका क्षेत्र में सरकार की ओर से हर पोकरण के 8 विभागों में एक-एक ई-मित्र प्लस कियोस्क मशीन रखवाई थी लेकिन 1 मशीन कार्य कर रही थी. शहरी इलाको में भी जागरुकता और मशीने इंटरनेट से नहीं जुड़े होने के अभाव में मशीनों का पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा है. सरकारी कार्यालयों में इन मशीनों के शुरू होने से लोगों को दफ्तर और ई-मित्र के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. मगर विभागीय लापरवाही से मशीनें उपयोग में नहीं आ रही है और हालात यहां तक पहुंच गए है कि ई-मित्र प्लस संचालक मशीन की आई-डी बंद ना हो इसके लिए महीने में एक बार जाकर स्वयं इन मशीनों से ट्रांजेक्शन करते है.

ये सुविधाएं है ई-मित्र प्लस में
ई-मित्र प्लस मशीन दिखने में एटीएम जैसी दिखाई देती है और इसमें 32 इंच एलईडी के साथ मॉनिटर डिवाइस, वेब कैमरा, कैश असेप्टर, कार्ड रीडर, मैटलिक की बोर्ड, रसीद के लिए वार्मल प्रिंटर, लेजर प्रिंटर आदि मौजूद है. मशीन में मौजूद वेब कैमरे से आम नागरिक उच्चाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत भी कर सकते है. प्रत्येक ई-मित्र प्लस मशीन की अनुमानित लागत 1 लाख से 2 लाख रुपये तक बताई जा रही है.

मशीन में उपलब्ध है सारी सेवाएं
आमजन को अपने विभागीय कार्यों के लिए दर-दर नहीं भटकना पड़े इसलिए इस मशीन से गिरदावरी, जमाबंदी की नकल, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, जाति, मूल निवास प्रमाण पत्र का प्रिन्ट, बिजली-पानी बिल जमा करने सहित अनेक प्रकार की सरकारी और निजी सेवाएं आधुनिक तकनीक के माध्यम से देने के लिए राज्य सरकार ने ई-मित्र प्लस योजना पूर्व में चलाई थी. इसके तहत सभी ग्राम पंचायतों और सरकार के विभागीय कार्यालयों में मशीनों को भेजा गया था. साथ ही इन मशीनों के माध्यम से पानी-बिजली, गैस, पोस्टपैड मोबाइल सहित सभी तरह के बिल भी जमा करा सकते है. बिल राशि का पेमेंट एटीएम की तरह कार्ड से होता है. यही नहीं एटीएम की डिपोजिट मशीन की तरह कैश डालकर भी बिल जमा किया जा सकता है. इसी के साथ ही मशीन पर सभी प्रकार के प्रमाण-पत्र भी प्रिंट लिए जा सकते है. सबसे बड़ी बात यह है कि उपभोक्ता को इससे मिलने वाली सेवाओं का चार्ज कम से कम 10 रुपये और अधिक से अधिक 50 रुपये तक रखा है.

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ई-मित्र प्लस कियोस्क मशीन
विभाग का लक्ष्य केवल मशीनों को इंस्टॉल करने का टारगेट पूरा करने का है. इसके चलते यह मशीन कार्यालयों में पहुंच तो गई है लेकिन अब तक कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों को इस मशीन का संचालन कैसे होता है इसकी भी जानकारी नहीं है और ना ही अब तक किसी ऑपरेटर को इसके संचालन के लिए नियुक्त किया गया है. जिसके कारण कार्यालयों में आने वाने लोग इन ई-मित्र मशीन का उपयोग नहीं कर पा रहे. जिससे यह मशीनें महज शो-पीस बन कर रह गई है. पोकरण शहर में 8 मशीने इंस्टॉल की जा चुकी है. नगर पालिका पोकरण, तहसील कार्यालय, विद्युत विभाग, पीएचडी विभाग, गर्ल कॉलेज, राजकीय महा विधालय, पंचायत समिति, उपजिला चिकित्सलय में ई-मित्र प्लस कियोस्क मशीन लगाई गई है.

यहां बंद पड़ी है मशीनें
जैसलमेर जिले के जैसलमेर पोकरण विधानसभा की सात पंचायत समिति, चार उपखंड कार्यालय, एक नगर पालिका, एक नगर परिषद, के साथ विद्युत विभाग, शिक्षा विभाग, जिला परिषद और पीएचडी विभाग, गर्ल कॉलेज, राजकीय महा विधालय, उपजिला जिला अस्पताल पोकरण और जैसलमेर में तों मशीने बंद पड़ी है और धूल फांक रही है. यहां पर इन मशीनों का कोई उपयोग नहीं हो रहा है.

इंटरनेट के अभाव में बंद पडी है मशीनें
जानकारी के अनुसार पोकरण शहर में सभी विभागों में लगी ई-मित्र प्लस मशीन संबंधित विभागों द्वारा इंटरनेट उपलब्ध नहीं कराने से मशीनों का सुव्यवस्थित संचालन नहीं हो पा रहा है.

Report: Shankar Dan

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