राजस्थान की इस नदी ने हजारों किसानों की जिंदगी में घोल दिया `जहर`, गांवों के अस्तित्व पर संकट
तीन दिन तक लगातार जोधपुर सहित आसपास के इलाकों में हुई भारी बारिश व फैक्ट्रियों से निकलने वाला रासायनिक युक्त पानी धवा कस्बे के राजेश्वर नगर के खेतों में फैल गया है.
जोधपुर: तीन दिन तक लगातार जोधपुर सहित आसपास के इलाकों में हुई भारी बारिश व फैक्ट्रियों से निकलने वाला रासायनिक युक्त पानी धवा कस्बे के राजेश्वर नगर के खेतों में फैल गया है. वहीं जोधपुर के बासनी और बोरानाडा की औद्योगिक क्षेत्र फैक्ट्रियों से आने वाले प्रदूषित पानी अब धवा, राजेश्वर नगर, मैलबा, लुणावास , परिहारों की ढ़ाणी क्षेत्र के खेतों में फैल गया है.
पिछले एक दशक से जोधपुर के बोरानाडा, सांगरिया एवं बासनी औद्योगिक क्षेत्र में संचालित इकाइयों से निस्तारित रासायनिक पानी सीधा जोजरी नदी में बहाया जा रहा है. जो सालावास, लूणावास, मेलबा, धवा होते हुए बाड़मेर जिले के सीमांत गावों एवं खेतों में तबाही मचा रहा है. विगत 12 वर्षों से अधिक समय से चली आ रही इस समस्या से निजात पाने का दूर-दूर तक कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है , प्रदूषित पानी ने सैकड़ों बीघा खेतों को तबाह कर दिया है.
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कहीं आम रास्तों से गांवों का संपर्क टूटा, तो कहीं घरों के चारों ओर फैला पानी
धवा से परिहारों की ढाणी जाने वाले आम रास्ते पर रासायनिक युक्त पानी फैलने के कारण कहीं गांवों का संपर्क टूटा है ,इसी तरह रासायनिक युक्त पानी कहीं ग्रामीणों के घर के चारों और फैल चुका है ग्रामीणों को घर से बाहर निकलना भी दुर्लभ हो गया है घर के चारों ओर रासायनिक पानी फैलने से मच्छरों की भरमार पैदावार हो चुकी हैं जिनके लोगों को डेंगू मलेरिया सहित विभिन्न प्रकार की बीमारियों का प्रकोप बढ़ने का अंदेशा है ग्रामीणों का कहना है कि हर वर्ष रासायनिक युक्त ज़हरीला पानी घरों के चारों और फैलता है कहीं बार प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत भी करवाया लेकिन आज तक किसी ने नहीं सुनी, युवाओं का कहना है कि किसानों के आंखों में आंसू और कई बार स्थानीय प्रशासन को भी अवगत करवाया गया पर प्रशासन की उदासीनता के चलते इस ओर कोई ध्यान नही दिया गया.
एक माह से बह रहा रासायनिक पानी, प्रशासन गंभीर नहीं
जोधपुर में संचालित इकाइयों का रासायनिक पानी खुले में बहाने से अब यह जिला सीमा के गांवों में प्रवेश कर दिया गया है , करीब एक माह से प्रदूषित पानी का बहाव निर्बाध रुप से जारी है ,
दशकों से चली आ रही इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने कई बार हाइवे पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन भी किया, लेकिन इसका स्थाई समाधान नहीं हो रहा है , कुछ वर्ष पूर्व तेज बरसात व इकाइयों से निस्तारित अधिक पानी के आने से आम मार्ग पर आवागमन बाधित हो गया था, इस पर प्रशासन ने कई दिनों के लिए यातायात डायवर्ट करवाकर समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है.
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रासायनिक पानी से बिगड़ रहा पर्यावरण संतुलन
वही धवा के पास डोली क्षेत्र विश्नोई बाहुल्य इलाका होने की वजह से वन्य जीवों के स्वछंद विचरण के लिए सुरक्षित स्थान है. यहां के निवासी हिरणों की सुरक्षा के लिए हर समय तैयार खड़े नजर आते हैं, मगर इस पानी की वजह से निरीह वन्य प्राणी असमय काल का ग्रास बन रहे हैं , धवा गांव के निकटवर्ती राजेश्वर नगर का तालाब प्रदूषित हो चूका है. तालाब लंबे समय से पानी में घिरा रहने के कारण जर्जर हालत में है , सरकार से हर स्तर पर गुहार लगाने के बाद भी इस समस्या के निवारण के कोई ठोस उपाय नहीं हो पाए हैं.
अधिकारी व जनप्रतिनिधि कर चुके हैं कई बार निरीक्षण
क्षेत्रीय विधायक महेंद्र विश्नोई, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत , पूर्व वसुंधरा सरकार की जलदाय मंत्री किरण माहेश्वरी समस्त जिला कलेक्टर, उपखंड अधिकारी ,तहसीलदार सहित कई प्रशासनिक अधिकारीयों ने जोजरी नदी का निरीक्षण किया लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला, सिर्फ 3 वर्षों में जनता को आश्वासन देते रहे .
गंदे पानी के बहाव से खतरे में जोजरी का अस्तित्व
जोजरी नदी के बहाव क्षेत्र में निरंतर प्रदूषित पानी के बहाव के कारण जोजरी नदी गंदे पानी का दरिया बन गई है , इसके आस-पास स्थित कृषि कुओं का पानी खराब हो गया है , वहीं किसानों की फसलें भी खराब हो रही है , हर वर्ष बरसात के मौसम में किसानों के सामने यह दिक्कत पैदा हो जाती है, लेकिन अब तक जाेधपुर से निस्तारित प्रदूषित पानी को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं , साथ ही लगातार रासायनिक पानी के चलते जोजरी भी प्रदूषित हो गई है.
बर्बाद हो गए हजारों खेत
नदी से बिना ट्रीटमेंट किए निकल रहे प्रदूषित पानी के दुष्प्रभाव से सालावास गांव के हजारों किसानों की बेशकीमती भूमि बंजर हो गई है , जोजरी नदी सालावास - तनावड़ा तक ही नहीं बल्कि नन्दवान, भाण्डू कला, लूणावास कला, धवा सहित बाड़मेर सीमा से सटटिक सैकड़ों गांवों में भी यही स्थितियां पैदा कर रही है , अब तो हालात इस कदर बिगड़ रहे है कि किसान अपने खेत में खेती भी नहीं कर पा रहा है.
पूर्व विधायक ने विधानसभा में उठाया मुद्दा, नहीं चेती सरकार
नदी में प्रदूषित पानी को बहने से रोकने के लिए सरकार के समक्ष स्थानीय जनप्रतिनिधि लूणी के पूर्व विधायक जोगाराम पटेल ने वसुंधरा सरकार में विधानसभा में भी मुद्दा उठाया, लेकिन उसके बाद भी सरकार की नींद नहीं खुली , परिणामस्वरुप धड़ल्ले से जोजरी में प्रदूषित पानी बहाया जा रहा है.
रोकथाम के कारगर उपाय नहीं
पिछले 10-12 सालों से चल रही इस समस्या से ग्रामीण बेहद परेशान हैं, लेकिन समाधान दूर की कौड़ी नजर रहा है , प्रशासनिक स्तर पर इसकी रोकथाम के कारगर प्रयास नहीं हो रहे हैं , राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अधिकारियों ने भी आंखें मूंद है , लिहाजा तो अवैध धुपाई इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है |
पानी से फैल रही बीमारियां
रासायनिक पानी का फैलाव होने से यहां कई बिमारियों ने जन्म ले लिया है , आमजन के साथ पशुधन बीमारियों की चपेट में है , पशुओं में गर्भाधान, बांझपन पैरों में जकड़न आदि बीमारियों ने अपने पैर पसार लिए है , इसके अलावा मच्छरों की भरमार होने से आमजन में भी बीमारियों का भय पैदा हो रखा है.
सार्वजनिक स्थल
राजेश्वर नगर के तालाबों के अलावा स्कूल, खेलकूद मैदान, मन्दिर आदि स्थलों पर प्रदूषित पानी फैला पड़ा है. सार्वजनिक जगह पर गंदा पानी आने के बावजूद भी प्रशासन की अनदेखी के चलते समस्या का समाधान नहीं करवाए जा रहे हैं ऐसे में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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खेत खलिहान
रासायनिक पानी जोजरी के बहाव क्षेत्र में डालने की वजह से गांव के खेत-खलिहान उजड़ गए हैं , धवा ही नहीं, मैलबा, राजेश्वर नगर में भी खेतों में प्रदूषित पानी का फैलाव हो गया है , वहीं उपजाऊ जमीन बंजर हो गई है , सरकारी इमदाद नहीं मिलने के कारण लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. धवा, राजेश्वर नगर में स्थित परंपरागत जल स्त्रोत बेकार एवं दूषित हो गए हैं.
इनका कहना है..
धवा सरपंच प्रतिनिधि सुभाष ने करीब 15 वर्ष से जोधपुर की इकाइयों से निस्तारित पानी डोली व आस-पास के गांवों में पहुंच रहा है , बरसात के मौसम में फसल बुवाई के बाद प्रदूषित पानी आने से किसानों को नुकसान झेलना पड़ रहा है ,वहीं जोधपुर से आने वाले पानी को रोकने के लिए हर स्तर पर अवगत करवाने के साथ आंदालेन भी किए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है , ऐसे में किसान व आमजन खुद को बेहाल महसूस कर रहा है , धवा संरपच सरोज ने बताया कि कई बार अधिकारियों को अवगत कराने के बावजूद भी स्थायी समाधान नहीं होने से आमजन परेशान हो रहे है.
स्थानीय निवासी पूनमचंद विश्नोई ने बताया कि स्थायी समाधान तो दूर की बात है, मच्छरों से निजात मिल जाए तो भी राहत मिलेगी .