कोटा: आमतौर पर किसी समस्या को लेकर ग्रामीण ज्ञापन देकर अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचाते हैं. फिर भी बात नहीं बने तो विरोध प्रदर्शन के जरिए अपनी समस्या पर आवाज उठाई जाती है. लेकिन जिले के सुल्तानपुर क्षेत्र में ग्रामीणों ने सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए अनूठा तरीका अपनाया है. यहां एक दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों ने सड़कों की समस्या को लेकर पहले तो सद्बुद्धि यज्ञ किया और बाद में खुद उखड़ी सड़कों की मिट्टी डालकर मरम्मत भी की.
खबर के मुताबिक, कोटा जिले के सुल्तानपुर क्षेत्र के ग्रामीणों ने क्षेत्र में अधूरी एवं मरम्मत के अभाव में उखड़ी सड़कों की समस्या पर विरोध जताने के लिए सद्बुद्धि यज्ञ किया. इस दौरान ग्रामीणों ने मंत्रोच्चार के साथ पूरे विधि विधान से हवन कुंड में आहुतियां देकर सरकार के साथ अधिकारियों को भी जल्द कार्य शुरू करवाने को लेकर सद्बुद्धि देने की ईश्वर से प्रार्थना की. ग्रामीणों का अनूठा विरोध प्रदर्शन क्षेत्र में भी चर्चा का विषय रहा.
यहां की लोगों की मानें तो सुल्तानपुर क्षेत्र में इन दिनों सड़कों की हालत काफी खस्ता हो गई है. राज्य में पिछली भाजपा सरकार ने ग्रामीणों की समस्या दूर करने और सड़क निर्माण करने के लिए करोड़ों रुपए की स्वीकृति दी थी. यहां तक कि विधानसभा चुनाव के पहले अधिकांश सड़कों का काम भी शुरू हो गया. पुरानी सड़कों को उखाड़कर गिट्टी-मिट्टी बिछा दी गई, लेकिन बाद में विधानसभा चुनाव में सत्ता बदली तो सड़कों का काम ठप हो गया.
वहीं, अब हालात ऐसे हैं कि बीते एक साल से क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक गांवों की सड़कें उखड़ी पड़ी है. सरकार से बजट नहीं मिलने से सड़कों का काम पूरा नहीं हो पा रहा तो इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. उखड़ी पड़ी सड़कों से ग्रामीणों की आवागमन की राह काफी मुश्किल हो रही है. उखड़ी सड़कों पर आए दिन दुपहिया वाहन चालक गिर पड़ रहे हैं.
साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि चंद मिनटों का सफर तय करने में भी वाहन चालकों को काफी वक्त लग रहा है. दीगोद से निमोदा तक की सड़क इतनी ज्यादा जर्जर हो रही है की प्रसूताओं व मरीजों को सुल्तानपुर तक लाना परिजनों के लिए खासा चुनौती भरा साबित हो रहा है. उखड़ी सड़कों से वाहनों की मरम्मत का खर्चा भी बढ़ रहा है. इसी कारण लोगों ने सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए सदबुद्धि यज्ञ किया है ताकि सरकार उनकी शिकायत पर एक्शन ले.