शिक्षा नगरी में शिक्षा विभाग (Education Department) की बड़ी लापरवाही सामने आई है. शहर से सटे पांड्या खेड़ी गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय की महिला टीचर के पॉजिटिव आने के बाद भी स्कूल बंद नहीं किया.
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Ladpura: शिक्षा नगरी में शिक्षा विभाग (Education Department) की बड़ी लापरवाही सामने आई है. शहर से सटे पांड्या खेड़ी गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय की महिला टीचर के पॉजिटिव आने के बाद भी स्कूल बंद नहीं किया. अब ग्रामीणों में आक्रोश है ग्रामीणों का कहना हमारे बच्चों की जिंदगियों के साथ खिलवाड़ हो रहा है. मामला कोटा से सटे पांडेय खेड़ी गांव का है जहां के उच्च प्राथमिक विद्यालय पांड्या का है जो फिलहाल चर्चाओं में है. विद्यालय में कल एक महिला शिक्षक पॉजिटिव आ गई थी.
जिसके बाद पहली से पांचवी कक्षा तक के बच्चों की छुट्टी कर दी गई लेकिन स्कूल बकायदा चल रहा है. क्लास जारी है स्कूल की प्रिंसिपल ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस बात से अवगत भी करा दिया की स्कूल में बच्चों को बुलाना खतरे से खाली नहीं, क्योंकि बच्चे एक दूसरे के संपर्क में आते हैं बावजूद इसके अधिकारियों ने ऑर्डर होने की बात कहकर स्कूल चलाने के आदेश दे दिए.
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ग्रामीण इस बात से आक्रोशित हैं कि शहर में सभी सुख सुविधाएं मौजूद हैं. तमाम अस्पताल मौजूद हैं उसके बाद देश शहरी स्कूल बंद कर दिए गए हैं. गांव में कोई इंतजाम नहीं है लड़के नहीं है अस्पताल नहीं है डॉक्टर नहीं है उसके बावजूद भी ग्राम ग्रामीण इलाके के स्कूलों को चलाने का आखिर उद्देश्य क्या है.
सरकार का यह फैसला सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर जाने स्कूल खोले रखने के पीछे क्या वजह है क्योंकि यह वह बच्चे हैं जिन्हें ना तो वैक्सीन लगी है और ना ही इनके लिए अभी तक कोई दवाई मौजूद है ऐसे में इन बच्चों के साथ भेदभाव किस आधार पर और क्यों किया जा रहा है.
Reporter- Himanshu Mittal