Kota निगम के लिए वरदान बना गाय का गोबर, जानिए क्या है खास
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Kota निगम के लिए वरदान बना गाय का गोबर, जानिए क्या है खास

निगम के कर्मचारी ही जुट करके वर्मी कंपोस्ट तैयार कर रहे हैं. शुरुआती दौर में दिक्कत जरूर आई लेकिन देखते ही देखते यह गोबर निगम के लिए वरदान बन गया. 

वरदान बना गाय का गोबर

Kota: नगर निगम कोटा दक्षिण के लिए कभी गौशाला का गोबर चुनौती हुआ करता था और उसे डंपिंग यार्ड में ही डलवाया जाता था लेकिन निगम ने एक खास पहल कर अपना खुद का वर्मी कंपोस्ट प्लांट डाला और आज इस गोबर की ना केवल खपत हो रही है बल्कि बड़ी तादाद में वर्मी कंपोस्ट उपजाऊ खाद भी तैयार हो रही है और निगम इसे बेचकर के कमाई भी कर रहा है.

नगर निगम कोटा की बंधा धरमपुरा गौशाला और कायन हाउस में ढाई हजार से ज्यादा गोवंश हर वक्त होता है और इनसे निकलने वाला गोबर निगम के सामने कभी चुनौती हुआ करता था. उसे उठाना और फिर उसे डंप करवाना पहले ऊपर पूरा वेस्ट जाया करता था और इसे डंपिंग यार्ड में ही डलवाया जाता था लेकिन नगर निगम कोटा दक्षिण की आयुक्त कीर्ति राठौर ने इस गोबर को लेकर के एक रास्ता निकाला जिसमे  निगम की ही खाली भूमि पर एक वर्मी कंपोस्ट प्लांट बनवा कर इस गोबर से वर्मी कंपोस्ट तैयार करने की योजना बनाई. इसके लिए निगम के कर्मचारियों को ही ट्रेनिंग दी गई और वर्मी कंपोस्ट तैयार करने में मास्टर बनाया गया. 

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आज निगम के कर्मचारी ही जुट करके वर्मी कंपोस्ट तैयार कर रहे हैं. शुरुआती दौर में दिक्कत जरूर आई लेकिन देखते ही देखते यह गोबर निगम के लिए वरदान बन गया. आज निगम के वर्मी कंपोस्ट प्लांट में बड़े पैमाने पर वर्मी कंपोस्ट तैयार हो रही है. जिसकी खास डिमांड भी है. निगम इस वर्मी कंपोस्ट को निगम के पार्कों में उर्वरता को बढ़ाने के लिए उपयोग में तो ले ही रहा है साथ में इसकी बिक्री भी की जा रही है. शहर के कई नर्सरी और शहर के लोग इस वर्मी कंपोस्ट को खरीद रहे हैं. निगम ₹8 प्रति किलो की दर से इस वर्मी कंपोस्ट की बिक्री कर रहा है जिससे निगम को आमदनी भी हो रही है.

कोटा नगर निगम आयुक्त कीर्ति राठौड़ ने कहा कि गोबर निगम के लिए चुनौती रहा और किस तरह से वरदान बना यह देखा आपने क्योंकि सबसे पहले तो उसे डंप करने की चुनौती थी. आज इसका उपयोग हो रहा है. वर्मी कंपोस्ट निगम खुद तैयार कर रहा है. इससे निगम के पार्कों में उर्वरता बढ़ रही है और इसके साथ ही निगम के लिए यह वर्मी कंपोस्ट कमाई का जरिया भी बन गया है. यानी आम के आम और गुठलियों के भी दाम की कहावत इस पहल के जरिए नगर निगम कोटा दक्षिण के लिए सटीक साबित हो रही है.

Reporter: Himanshu Mittal

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