खुद के खेतों में आग लगाते किसान बने परेशानी का सबब, एनजीटी के निर्देश भी ताक पर
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खुद के खेतों में आग लगाते किसान बने परेशानी का सबब, एनजीटी के निर्देश भी ताक पर

समस्या को लेकर मंगलवार को सांगोद नगर पालिका के दमकल कर्मचारियों ने भी तहसीलदार को ज्ञापन देकर नौलाईयों में आग लगाने वाले किसानों पर सख्ती से कार्रवाई करने की मांग रखी.

खुद के खेतों में आग लगाते किसान बने परेशानी का सबब, एनजीटी के निर्देश भी ताक पर

Sangod: सांगोद में कृषि अवशेषों में आग लगाने के मामलों में यूं तो राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने संबंधित किसानों पर सख्ती से कार्रवाई के निर्देश जारी कर रखे हैं. लेकिन स्थानीय स्तर पर इन निर्देशों की पालना नहीं हो रही. खेतों की सफाई के नाम पर आए दिन किसान खेतों की नौलाईयों में आग लगा रहे है.

अगलगी से दमकलकर्मियों के साथ पुलिस और प्रशासन को भी कड़ी मशक्कत करने पड़ रही है. नौलाईयों की आग कई गेहूं के खेतों को भी तबाह कर रही है. आग लगने के बाद पुलिस और प्रशासन के कार्मिक मौके पर आग पर काबू करवाने तो पहुंच जाते है लेकिन आग लगने के कारणों की जांच कर सख्ती से कार्रवाई नहीं कर पा रहे. समस्या को लेकर मंगलवार को सांगोद नगर पालिका के दमकल कर्मचारियों ने भी तहसीलदार को ज्ञापन देकर नौलाईयों में आग लगाने वाले किसानों पर सख्ती से कार्रवाई करने की मांग रखी.

कर्मचारियों की मांग पर तहसीलदार ने भी पटवारियों को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया. वहीं कनवास एसडीएम राजेश डागा ने भी मंगलवार को निर्देश जारी कर ग्राम विकास अधिकारी, कृषि पर्यवेक्षक, बीट कांस्टेबल और पटवारियों को उनके क्षेत्र में नौलाईयों में आग लगाने की सूचना कार्यालय में देने और पुलिस कार्रवाई के निर्देश जारी किए.

आदेश जारी, लेकिन हकीकत कोसो दूर
कृषि अवशेषों पर आग लगाने के मामले में एनजीटी की सेंट्रल बैंच ने सख्ती से आदेश जारी कर इमरजेंसी अलर्ट पर कार्रवाई के लिए जिला कलक्टर की अगुवाई में पुलिस, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, स्थानीय निकाय और कृषि विभाग के अधिकारियों की जिला स्तरीय समन्वय समिति गठित करने के निर्देश दिए. किसान पर जुर्माने की कार्रवाई को लेकर तहसील एवं ब्लॉक स्तर पर भी समिति गठित होनी थी, जो फिलहाल कागजों में है.

कार्रवाई का प्रावधान भी
एनजीटी ने कृषि अवशेषों में आग लगाने वाले दो एकड़ से कम खेत वाले किसान से ढाई हजार रुपए, दो एकड़ से ज्यादा और पांच एकड़ से कम वाले किसान से पांच हजार रुपए और पांच एकड़ से ज्यादा जमीन वाले किसान से 15 हजार रुपए वसूलने और सूचना मिलने के बाद भी मौके पर नहीं पहुंचने वाले अधिकारियों पर भी एनजीटी ने जिला कलक्टर कॉर्डिनेशन कमेटी की तरफ से अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान किया है.

पहले भी हुई कई बार कार्रवाई हुई है
कनवास क्षेत्र में एसडीएम राजेश डागा ने पिछले कुछ सालों में ऐसे मामलों में सख्ती से कार्रवाई की. कई किसानों को नोटिस जारी कर जुर्माना भी वसूला गया. कुछ साल पहले नगर पालिका के तत्कालीन अध्यक्ष देवकीनंदन राठौर ने भी एक किसान के खिलाफ नौलाईयां जलाने पर पुलिस को शिकायत दी. लेकिन सांगोद क्षेत्र में पुलिस और प्रशासन ज्वलंत समस्या पर चुप्पी साधे हुए है. ऐसे में खेतों में नौलाईयों की आग थमने के बजाय बढ़ रही है.

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