कोटा में पढ़ने वाले छात्रों के किए अच्छी खबर, अब कोचिंग छोड़ने पर मिलगा रिफंड
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कोटा में पढ़ने वाले छात्रों के किए अच्छी खबर, अब कोचिंग छोड़ने पर मिलगा रिफंड

कोचिंग संस्थानों में फीस की ईजी एक्जिट पॉलिसी और तनाव मुक्त शैक्षणिक वातावरण को लेकर कलक्टर हरिमोहन मीना ने विशेष प्रयास किए है, ताकि एजुकेशन हब की पहचान बनी रहें. कोटा में देशभर से आने वाले छात्र-छात्राओं को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पडे़. कोचिंग के बाद वो यहां से जाये तो अच्छी छवि को अपनी यादों में सहेजकर रखे. इसके लिए कोचिंग संस्थानों, विद्यार्थियों के हित में गाइडलाइन तय करने की बात कही.

कोचिंग छोड़ने पर मिलगा रिफंड

Kota: एजुकेशन हब कोटा की छवि को और बेहतर बनाने के लिए कोटा प्रशासन की तरफ से सकारात्मक कदम उठाए गए हैं. कोटा प्रशासन ने कोचिंग की फीस रिफंड को लेकर पहली बार पॉलिसी बनाई है. शहर के किसी भी कोचिंग संस्थान में पढ़ रहे स्टूडेंट्स के माता-पिता या किसी अपने की मौत हो जाती है या वह गंभीर रोग से ग्रसित हो जाता है, तो इस हालात में अगर वो कोचिंग छोड़ता है तो उसे फीस रिफंड दी जाएगी. इतना ही नहीं अगर कोई बच्चा मानसिक तनाव या स्ट्रेस में आ जाता है, तो मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर उसकी फीस उसे लौटाई जा सकेगी. 

कोचिंग संस्थानों में फीस की ईजी एक्जिट पॉलिसी और तनाव मुक्त शैक्षणिक वातावरण को लेकर कलक्टर हरिमोहन मीना ने विशेष प्रयास किए है, ताकि एजुकेशन हब की पहचान बनी रहें. कोटा में देशभर से आने वाले छात्र-छात्राओं को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पडे़. कोचिंग के बाद वो यहां से जाये तो अच्छी छवि को अपनी यादों में सहेजकर रखे. इसके लिए कोचिंग संस्थानों, विद्यार्थियों के हित में गाइडलाइन तय करने की बात कही. 

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ये होंगे फीस रिफण्ड के आधार

कोटा के किसी भी कोचिंग संस्थान में अध्ययनरत विद्यार्थियों को गाइडलाइन के अनुसार फीस रिफण्ड करते समय मापदंडों का आधार माना जायेगा. जिनमें यदि विद्यार्थी के परिवार में माता-पिता और निजी संबंधी की मृत्यु हो जाने, गम्भीर रोग से ग्रसित होने जाने पर. यदि कोचिंग में अध्ययनरत विद्यार्थी जिस विषय की कोचिंग प्राप्त कर रहा है उसमें अध्ययन के लिए शिक्षण संस्थान में प्रवेश मिल जाता है, यदि विद्यार्थी कोचिंग प्राप्त करने के दौरान मानसिक तनाव में आ जाता है,तो मेडिकल रिपोर्ट या कोचिंग के साइकोलॉजिस्ट की रिपोर्ट के आधार पर कोचिंग छोड़ने पर फीस रिफण्ड की जा सकेगी. सभी कोचिंग संस्थानों ने विद्यार्थियों से पंजीयन शुल्क अधिकतम 1500 रूपये तक लिया जा सकेगा, जो नॉन रिफेण्डेबल होगा. 

इस प्रकार दी जायेगी छूट

कलक्टर ने बताया कि यदि छात्र किसी भी कारणों से कोचिंग छोड़ना चाहता है तो उनके आधार पर कोचिंग में प्रवेश लेने के प्रथम 15 दिवस के अन्दर 15 प्रतिशत की कटौती करने के बाद शेष फीस रिफण्ड की जायेगी. यदि छात्र 30 दिन में कोचिंग छोड़ना चाहता है तो 30 प्रतिशत की कटौती की जायेगी और शेष राशि लौटाई जायेगी. यदि छात्र 45 दिन में कोचिंग छोड़कर जाना चाहता है तो फीस में से 45 प्रतिशत की कटौती कर शेष राशि लौटाई जायेगी. इसी प्रकार यदि कोई स्टूडेंट 60 दिन के अन्दर कोचिंग छोड़ना चाहता हैं तो फीस में 60 प्रतिशत की राशि कटौती कर शेष राशि लौटाई जायेगी. 

ऐसे में जिला प्रशासन की गाइडलाइन हजारों छात्रों के लिए राहत लेकर आएगी, क्योंकि अक्सर ये शिकायत आम है और छात्र जब लौटते हैं तो फीस रिफंड से लेकर कई सारी शिकायतें मिलती है. ऐसे में अब उन छात्रों को अपनी फीस रिफंड को लेकर जद्दोजहद नहीं करनी पड़ेगी और जब छात्र कोटा से लौटेगा तो अच्छी छवि लेकर वापस लौटेगा. 

 

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