Kota के 1869 परिवारों को मिली दोबारा जीने की वजह, खुश़ी से रो पड़े परिजन, जानें वजह
Advertisement

Kota के 1869 परिवारों को मिली दोबारा जीने की वजह, खुश़ी से रो पड़े परिजन, जानें वजह

साल 2019 में गुम हुए 233 बालक, बालिकाओं को कोटा यूनिट ने दस्तयाब किया, जबकि 856 महिला और पुरुषों को ढूंढ निकाला.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

केके शर्मा, कोटा: कोटा पुलिस (Kota Police) की मानव तस्कर विरोधी यूनिट (Anti human trafficking unit) उन लोगों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं है, जिनके परिजन दुनिया की इस भीड़ में कहीं गुम हो गए, नाबालिग बच्चे जो किसी तरह अपने परिजनों से बिछड़ गए या वो लोग जो घर छोड़कर चले गए फिर वापस नहीं लौटे.

यह भी पढ़ें- 7 मानव तस्करी विरोधी यूनिट को सरकार की 'ना', एक साल पहले जारी किया था बजट

 

परिजनों ने थानों में गुमशुदगी दर्ज करवाई और पुलिस थानों में परिवादों की भीड़ में उनकी गुमशुदगी रिपोर्ट भी मानो गुम हो गई. थाने की पुलिस उन लापता लोगों को तलाशना भूल गयी लेकिन कोटा पुलिस की मानव तस्कर विरोधी यूनिट ने कोटा के करीब 1869 गुमशुदा बच्चों को ढूंढकर परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू भर दिए. कोटा (Kota) की मानव तस्कर विरोधी यूनिट ने लापता हुए उन तमाम नाबालिगों को खोज निकाला जो पिछले दो वर्षों में लापता हो गए थे.

मुख्य बिंदु

  • मानव तस्कर विरोधी यूनिट के कामों को सलाम
  • कोटा के 1869 गुमशुदा को ढूंढ निकाला
  • मानव तस्कर विरोधी यूनिट ने परिजनों को लौटाई खुशियां
  • साल 2019 में गुम हुए 1089 लोगों को खोजा
  • वर्ष 2020 में कुल 780 गुमशुदा को ढूंढ निकाला

1869 गुमशुदा को हिंदुस्तान के कोने-कोने से ढूंढ निकाला
साल 2019 में गुम हुए 233 बालक, बालिकाओं को कोटा यूनिट ने दस्तयाब किया, जबकि 856 महिला और पुरुषों को ढूंढ निकाला. इस तरह कोटा के मानव तस्कर विरोधी यूनिट ने हिंदुस्तान (Hindustan) के कोने-कोने से कुल 1089 गुमशुदाओं को दस्तयाब करने में सफलता हासिल की. जबकि वर्ष 2020 में गुम हुए सभी 159 बालक बालिकाओं को खोज निकालने में सफलता मिली. साल 2020 में ही यूनिट ने 621 ऐसे महिला-पुरुषों को खोज निकाला जो अचानक अपने घर से चले गए थे या लापता हो गए थे. परिजनों ने लापता लोगों के बारे में शहर के विभिन्न थानों में गुमशुदगी के प्रकरण दर्ज कराए थे यानि वर्ष 2020 में कुल 780 गुमशुदाओं को दस्तयाब कर उनके परिजनों के जीवन में नई खुशियां भर दी.

बाल श्रमिकों को भी मुक्त करवाया
कोटा की मानव तस्कर विरोधी यूनिट ने ना केवल लापता बच्चों और लोगों को उसके परिजनों से मिलवाया, बल्कि बच्चों के विकास और उनके पुनर्वास के लिए भी अथक प्रयास अब रंग लाने लगा. यूनिट ने वर्ष 2019 में कुल 539 बालक-बालिकाओं को बाल श्रम से मुक्त करवाया. वहीं 19 ऐसे नियुक्ताओं के खिलाफ 7 प्रकरण भी दर्ज करवाये, जो इनसे बाल मजदूरी करवा रहे थे. वर्ष 2020 में टीम ने 40 बालक-बालिकाओं को बाल श्रम से मुक्त करवाते हुए 8 नियुक्ताओं के खिलाफ 10 मामले दर्ज करवाए.

यूनिट के कामों को सलाम
मानव तस्करी विरोधी यूनिट इन 1869 लापता लोगों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं है. यूनिट की इस कार्यवाही ने बिछड़ों को अपनों से मिलवाने का ऐसे कामयाब मिशन को अंजाम दिया, जिससे कई लोगों को जीने की नई वजह मिल गई तो किसी के परिवार का चिराग़ फिर से रौशन हो गया.

EDITED BY- SUJIT KUMAR NIRANJAN

Trending news