स्पीकर बिरला के प्रयासों से लगेगी शहीद मुकुट बिहारी की प्रतिमा, अंतिम सांस तक थे लड़े
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स्पीकर बिरला के प्रयासों से लगेगी शहीद मुकुट बिहारी की प्रतिमा, अंतिम सांस तक थे लड़े

 स्पीकर बिरला ने कहा कि मातृभूमि की सेवा में अनेक वीर सपूतों ने सर्वोच्च बलिदान दिया है. देश आज आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. इस अमृतकाल में देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर जवानों की स्मृति को चिरस्थायी बनाना हमारा कर्तव्य है.

स्पीकर बिरला के प्रयासों से लगेगी शहीद मुकुट बिहारी की प्रतिमा, अंतिम सांस तक थे लड़े

Kota: लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से राजस्थान के वीर सपूत और झालावाड़ के अमर शहीद पैरा कमांडो मुकुट बिहारी मीणा की प्रतिमा उनके पैतृक गांव लढ़ानिया में स्थापित की जाएगी. स्पीकर बिरला ने मंगलवार को इस प्रतिमा को अपने दिल्ली स्थित निवास से लढ़ानिया के लिए रवाना किया.

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इस दौरान स्पीकर बिरला ने कहा कि मातृभूमि की सेवा में अनेक वीर सपूतों ने सर्वोच्च बलिदान दिया है. देश आज आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. इस अमृतकाल में देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर जवानों की स्मृति को चिरस्थायी बनाना हमारा कर्तव्य है.

लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि शहीद मुकुट बिहारी मीणा ने आतंकियों का सामना बहादुरी से किया. उनकी प्रतिमा जब उनके पैतृक गांव लढ़ानिया में लगेगी तो वह पूरे देश के युवाओं को प्रेरणा देगी. जिस तरह सेना के जवान मातृभूमि की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने से भी पीछे नहीं हटते हुए उसी तरह हमें भी भारत के नवनिर्माण में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देना चाहिए.

क्या बोले पूर्व विधायक हीरालाल नागर 
पूर्व विधायक हीरालाल नागर ने बताया कि कुछ समय पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से सांगोद में पुलवामा शहीद हेमराज मीणा की प्रतिमा स्थापित की गई थी. तब वहां चर्चा में बात आई थी कि प्रदेश के अन्य शहीदों की भी प्रतिमा स्थापित की जानी चाहिए. तब लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने प्रतिबद्धता जताई थी कि शहीद परिवार से आग्रह आने पर प्रतिमा बनवाकर भेंट की जाएगी.

उन्होंने बताया कि शहीद मुकुट बिहारी मीणा के परिजनों ने जब इस बारे में बात की तो स्पीकर बिरला ने तुरंत इसके लिए स्वीकृति दे दी थी. इस प्रतिमा के गुरूवार तक झालावाड़ के लढ़ानिया गांव पहुंचने की संभावना है. इस दौरान रामगंजमंडी से फौजी ओम प्रकाश, फौजी प्रभुदयाल नागर, फौजी सीएल शर्मा, रमेश रघुंवशी तथा रामगंजमंडी के किसान मोर्चा मंडल अध्यक्ष महावीर मीना भी उपस्थित रहे.

ढाई सौ वर्ष तक सुरक्षित रहेगी प्रतिमा
शहीद मुकुट बिहारी मीणा की प्रतिमा तैयार करने वाले गुरूग्राम के मातूराम आट्र्स सेंटर के प्रसिद्ध मूर्तिकार नरेश कुमावत ने बताया कि प्रतिमा को तैयार करने में करीब चार माह लगे. विशेष प्रक्रिया से तैयार की गई इस प्रतिमा पर काॅपर की कोटिंग की गई है. इससे यह प्रतिमा अगले 250 वर्षों तक सुरक्षित रहेगी.

अंतिम सांस तक लड़ते रहे शहीद मीणा
पैरा कमांडो मुकुट बिहारी मीणा का जन्म झालावाड़ के लढ़ानिया गांव में कृषक जगन्नाथ मीणा के घर हुआ था. वर्ष 2011 में महज 18 वर्ष की उम्र में वे सेना की स्पेशल फोर्स में भर्ती हुए. 11 जुलाई 2018 को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में ऑपरेशन रक्षक में भाग लेते आतंकियों को सामना करते वे गंभीर रूप से घायल हो गए. फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और एक आतंकी को ढेर कर दिया. बाद में इस वीर सपूत ने मां भारती की सेवा करते अंतिम सांस ली. अपने पीछे वे पत्नी अंजना मीणा और महज 3 माह की बेटी आरवी को छोड़ गए.

 

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