बच्चों के लिए सरकार की पोषाहार योजना शिक्षकों के लिए बनी गले की फांस
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बच्चों के लिए सरकार की पोषाहार योजना शिक्षकों के लिए बनी गले की फांस

राज्य सरकार की ओर से हाल ही में सरकारी स्कूलों में कोरोना काल के दौरान बंद पड़ी मिड डे मील योजना को सरकार ने फिर चालू कर दिया है.

बच्चों के लिए सरकार की पोषाहार योजना शिक्षकों के लिए बनी गले की फांस

Sangod: राज्य सरकार की ओर से हाल ही में सरकारी स्कूलों में कोरोना काल के दौरान बंद पड़ी मिड डे मील योजना को सरकार ने फिर चालू कर दिया है. सरकार के आदेश की पालना में 9 मार्च से सरकारी स्कूलों में बच्चों को पोषाहार दिया जा रहा है, लेकिन हालत यह है कि ना तो स्कूलों में पर्याप्त मात्रा में पोषाहार आ रहा है और न ही सरकार की ओर से कोई अग्रिम बजट जारी किया गया है. ऐसे में पोषाहार व्यवस्था शिक्षकों के लिए गलफांस बन गई है.

स्कूलों में योजना में संचालन में शिक्षकों को आ रही परेशानी को लेकर शुक्रवार को राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत से जुड़े पदाधिकारियों ने भी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी के नाम एसीबीईओ पुरुषोत्तम मेघवाल को ज्ञापन सौंपा. संगठन के उपशाखा अध्यक्ष भरतराज मीणा ने बताया कि राजकीय विद्यालयों में दो साल बाद पोषाहार शुरू किया गया, लेकिन व्यवस्था चलाने के लिए विद्यालयों में पर्याप्त राशि नहीं है. समस्या को लेकर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपकर जिन विद्यालयों में पोषाहार उपलब्ध नहीं करवाया, वहां जल्द पोषाहार उपलब्ध कराने व अग्रिम राशि के भुगतान की मांग रखी. 

इस मौके पर वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष बनवारीलाल मीणा, उपाध्यक्ष राजेंद्र नागर, जिला सभाध्यक्ष गुलाम जिलानी, मोहम्मद आरिफ, रितेश मेघवाल आदि शिक्षकों ने भाग लिया तथा जल्द समस्या समाधान की मांग रखी. शिक्षकों ने बताया कि वर्ष 2020 में कोरोना शुरू हुआ तो स्कूल बंद हो गए. पोषाहार व्यवस्था भी बंद हो गई. ऐसे में कई स्कूलों में पोषाहार की पूर्व की बकाया राशि भी नहीं मिली. अब फिर से सरकार ने पोषाहार व्यवस्था तो शुरू कर दी, लेकिन ना तो पूर्व का बजट दिया और न ही अग्रिम बजट. सरकार के आदेश की पालना भी करनी है. ऐसे में शिक्षकों को कभी उधारी तो कभी अपनी जेब से पोषाहार की व्यवस्था करनी पड़ रही है.

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