कोटा में कस्तूरबा गांधी की जयंती के अवसर पर महिला सम्मेलन का हुआ आयोजन, हुई यह चर्चा
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कोटा में कस्तूरबा गांधी की जयंती के अवसर पर महिला सम्मेलन का हुआ आयोजन, हुई यह चर्चा

गांधीवादी विचारक नरेश विजयवर्गीय ने स्वतन्त्रता आन्दोलन में कस्तुरबा गांधीजी के योगदान की जानकारी देते हुए कहा कि देश के निर्माण के लिए हमें महिलाओं को आर्थिक रूप से संभल बनाना होगा. महिलाओं को आर्थिक स्वावलंबन की आवश्यकता है तभी एक सशक्त समाज हो सकता है. 

कोटा में कस्तूरबा गांधी की जयंती के अवसर पर महिला सम्मेलन का हुआ आयोजन, हुई यह चर्चा

Kota: आजादी का अमृत महोत्सव आयोजन के तहत कोटा में कस्तूरबा गांधी की जयंती के मौके पर खादी बोर्ड के उपाध्यक्ष पंकज मेहता के मुख्य आतिथ्य में सूचना केंद्र में महिला सम्मेलन आयोजित किया गया. महिला स्वयं सहायता समूह के उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई.

खादी बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि कस्तूरबा गांधी ने राष्ट्रपिता के साथ देश की आजादी के लिए अनेक आंदोलनों में सक्रिय भागीदारी निभाई. अपने परिवार की चिंता ना कर सदैव देश की आजादी के लिए निरंतर प्रयास किए.

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कस्तूरबा गांधी के जीवन जीने का तरीका बहुत ही सरल एवं सकारात्मक ऊर्जा से रहा था, उनके जीवन से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हम कितने भी ऊंचे पद पर हो परंतु सामान्य जीवनशैली अपनानी चाहिए. उन्होंने कहा कि कस्तुरबा का जीवन एवं उनके विचार हमेशा युवाओं को शांति, अहिंसा एवं देश की एकता के लिए प्रेरित करते रहेंगे. आज सामाजिक विचारक, जाति विरोधी, विधवा महिलाओं के पुनर्विवाह के समर्थक ज्योतिराव फूले का जन्म दिवस भी है. उन्होंने अपने लेखों के द्वारा समाज को जागरूक किया, जाति व्यवस्था का उन्मूलन और छुआछूत, जैसी कुरीतियों का विरोध किया. उनके विचारों से प्रेरणा लेकर समाज एवं देश के नव निर्माण में भागीदार बनना होगा.

कुप्रथाओं को समाप्त करने के लिए महिलाएं आएं आगे
अतिरिक्त कलक्टर सीलिंग सत्यनारायण आमेठा ने कहा कि समाज में व्याप्त कुप्रथाओं को समाप्त करने के लिए महिलाओं को आगे आना होगा. महिलाएं वर्तमान में विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दे रही है, चाहे शिक्षा का क्षेत्र, विज्ञान का क्षेत्र, खेल जगत या राजनीति, सेना में अपना योगदान देकर समाज को मजबूती प्रदान कर रही है. वर्तमान युवा पीढ़ी को ज्योतिराव फूले और कस्तूरबा बाई के मानवीय मूल्यों सिद्धांतों को अपनाने की जरूरत है जिन्होंने अपना पूरा जीवन स्वयं के लिए ना जीकर समाज को जागरूक करने में और समाज में फैली कुरीतियों एवं विसंगतियों को दूर किया.

क्या कहना है गांधीवादी विचारक नरेश का
गांधीवादी विचारक नरेश विजयवर्गीय ने स्वतन्त्रता आन्दोलन में कस्तुरबा गांधीजी के योगदान की जानकारी देते हुए कहा कि देश के निर्माण के लिए हमें महिलाओं को आर्थिक रूप से संभल बनाना होगा. महिलाओं को आर्थिक स्वावलंबन की आवश्यकता है तभी एक सशक्त समाज हो सकता है. इसके लिए उनको सरकार द्वारा संचालित जन-कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देकर लाभान्वित करना होगा. उप निदेशक महिला बाल विकास विभाग मनोज मीना ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित सम्मेलन का उद्देश्य महिलाओं को राष्ट्रीय आन्दोलन में भागीदारों के योगदान से प्रेरित कर देश-प्रदेश के विकास में भागीदार बनाना है.

सम्मेलन में राजीविका के समूह द्वारा घरेलू उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री के लिए स्टॉल भी लगाई गई, जिसका अतिथियों द्वारा अवलोकन किया. इस अवसर पर अहिंसा प्रकोष्ठ के सदस्य संदीप दिवाकर, बीना सिंह, जिला प्रबन्धक राजीविका नेहा चतुर्वेदी उपस्थित रहे.

 

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