डेगाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर हॉस्पिटल में दिखने आने वाले मरीजों से जो राशि पंजीयन या ओपीडी शुल्क के नाम पर ली जाती थी, उसमें 3 लाख 28 हजार की राशि के गबन का मामला इंटरनल ऑडिट में सामने आया है.
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Degana: डेगाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर हॉस्पिटल में दिखने आने वाले मरीजों से जो राशि पंजीयन या ओपीडी शुल्क के नाम पर ली जाती थी, उसमें 3 लाख 28 हजार की राशि के गबन का मामला इंटरनल ऑडिट में सामने आया है. दरअसल यह राशि हॉस्पिटल की रिलीफ सोसाइटी के फंड में जमा होती थी. इसी के 10 साल के हिसाब किताब का लेखा जोखा जब ऑडिट में टंटोला गया तो लाखों रुपये के इस गबन का पर्दाफाश हुआ.
इस मामले की जानकारी विभाग के जॉइंट डायरेक्टर को मिलने पर डायरेक्टर ने तुरंत दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करवा राशि वसूलने के निर्देश दिए गए. इन आदेशों को भी 4 दिन बीत चुके हैं लेकिन आज तक मामला दर्ज नहीं करवाया गया है. हालांकि हॉस्पिटल प्रभारी के अनुसार सम्बंधित ने उक्त राशि जरिए बैंक संस्था के खाते में जमा करवा दी है.
सबसे बड़ी बात यह है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अजमेर जोन जॉइंट डायरेक्टर ने 4 दिन पहले नागौर मुख्य चिकित्सा अधिकारी मेहराम महिया को तत्कालीन डेगाना सीएचसी इंचार्ज व अन्य जिम्मेदारों पर तत्काल एफआईआर दर्ज करवाने के आदेश दिए है. बावजूद इसके एफआईआर दर्ज करना तो दूर अधिकारी इस मामले को दबाने में लगे हैं. इसका मुख्य कारण यह माना जा रहा है कि इस 10 साल की अवद्धि में खुद मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीबी 2 साल तक इस सीएचसी के इंचार्ज रहे हैं. अब जॉइंट डायरेक्टर के आदेशों के बावजूद मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा मामला दर्ज नहीं करवाना अपने आप मे बहुत कुछ कह रहा है.
अजमेर जोन जॉइंट डायरेक्टर ने एफआईआर दर्ज करवाने के आदेश देने के बाद आनन-फानन में सरकारी खाते में गबन राशि जमा करवाई जा चुकी है. जबकि उनका आदेश है कि वसूली के साथ ही गबन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए. वर्तमान सीएचसी इंचार्ज डॉ. रामकिशोर सारण का कहना है कि ये उनके पूर्व का मामला है. अब पूरी रिकवरी की रकम पर्ची वितरक द्वारा बैंक में जमा करवा दी गई है.
ये है चिकित्सा विभाग का आदेश
दरअसल, अजमेर जोन के जॉइंट डायरेक्टर ने जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मेहराम महिया को भेजे आदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, राजस्थान जयपुर कार्यालय के वित्तीय सलाहकार के लेटर का हवाला देते हुए लिखा है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डेगाना की अप्रैल 2011 से मार्च 2021 की ऑडिट के अनुसार राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी, डेगाना की केश बुक में 3 लाख 28 हजार 620 रुपए की राशि कम जमा कर गबन किया गया है.
इस दौरान गबन की अवधि में पोस्टेड तत्कालीन प्रभारी अधिकारी और लिपिक सहित अन्य कोई कर्मचारी जिसकी इस संबंध में भागीदारी है, उन सभी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई जाने के आदेश दिए गए है. इसके साथ ही वसूली के चालानों और एफआईआर की कॉपी भिजवाई जाने में किसी प्रकार की देरी नहीं करने के आदेश भी दिए गए है.
Report- Hanuman Tanwar
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