मनीष रामदेव, जैसलमेर: सरहदी जिला जैसलमेर अपने पर्यटक स्थलों के चलते दुनिया भर के सैलानियों की पहली पसंद बना हुआ है. देश के विभिन्न हिस्सों से सैर-सपाटों के शौकीनों के लिए जहां जैसलमेर पसंदीदा सैरगाह माना जाता है, वहीं सात समुंदर पार से भी बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी जैसलमेर भ्रमण के लिए आते हैं.
आंकड़ों की अगर बात करें तो पर्यटन सीजन के दौरान लाखों की संख्या में देसी और विदेशी सैलानी जैसलमेर भ्रमण के लिए आते हैं और यह आंकड़ा साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है लेकिन देश-विदेश से आने वाले इन सैलानियों की सुरक्षा और पर्यटक स्थलों की देखभाल को लेकर बात करें तो जिले के पर्यटन महकमे सहित प्रशासन और पुलिस के बंदोबस्त सैलानियों को निराश करने वाले साबित हो रहे हैं.
जी हां, पर्यटक स्थलों की सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर जब जी न्यूज ने यहां व्यवस्थाओं का जायजा लिया तो हालात निराश करने वाले ही थे. जैसलमेर में रेगिस्तान के बीच नखलिस्तान के रूप में जानी जाने वाली गड़ीसर झील, जो यहां आने वाले सैलानियों के लिए किसी अचंभे से कम नहीं है. जैसलमेर भ्रमण पर आने वाले सैलानी सुबह और शाम के वक्त इस झील पर नौकायान का लुत्फ उठाते हैं लेकिन इस झील पर बने घाटों के हालात यह हैं कि यहां शराबियों द्वारा फेंकी गई कांच की बोतलों से कई सैलानी चोटिल भी हो चुके हैं.
देर शाम के बाद सुरक्षा व्यवस्था के अभाव में यह इलाका शराबियों का अड्डा बन जाता है और यहां पर शराब पीने के बाद शराबी खाली बोलतें घाट के आसपास फेंक देते हैं, जिससे चारों और गंदगी का आलम पसरा रहता है.
दुनियाभर से आने वाले सैलानी इन पर्यटक स्थलों के माध्यम से देश की छवि का अंदाजा लगाते हैं. ऐसे में जैसलमेर के गड़ीसर सरोवर पर फैली गंदगी दुनिया भर में देश की छवि को किस कदर बिगाड़ रही है, इसका अंदाजा न तो पर्यटन विभाग को है और न ही पुलिस और प्रशासन को है. ऐसे में अगर शराबियों के चलते यहां कोई बड़ा हादसा सामने आया तो जिले के पर्यटन पर इसका विपरीत असर पड़ सकता है.