राजस्थान का वो राजा जिसने अकबर की अस्थियां भी जलाकर कर दी ख़ाक, नहीं मिला था एक भी तिनका...

Mughal Emperor: आज हम आपको  बताने जा रहे है कि आखिर वो कौन से राजा थे, जिन्होंने मुग़ल की अकबर की हड्डियों को कब्र से निकालकर आग में झोंक दिया.

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Mughal History

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राजाराम को औरंगजेब की अधीनता स्वीकार नहीं थी. वे अपने कुल और रियासत के सरदार गोकुल जाट का बदला लेने के लिए दृढ़ संकल्पित थे, जिन्हें औरंगजेब ने बेहद क्रूर तरीके से मौत के घाट उतारा था. पंद्रह साल बाद, जब वे सीधे औरंगजेब से टकराने में असमर्थ थे और उनके पास पर्याप्त सेना नहीं थी, तब उन्होंने रणनीति बदली. उन्होंने औरंगजेब के कई अधिकारियों को युद्ध में पराजित किया और गुस्से में आकर आगरा के बाहरी क्षेत्र में स्थित अकबर के मकबरे सिकंदरा पर हमला बोला. उन्होंने मकबरे को लूटा और अकबर की हड्डियों को कब्र से निकालकर आग के हवाले कर दिया. इस घटना से स्पष्ट है कि हालांकि वे कमजोर थे, उनके दिल में बदले की प्रचंड ज्वाला धधक रही थी. औरंगजेब के शासन में ऐसी आग लाखों दिलों में सुलग रही थी, लेकिन राजाराम जैसी साहसिक हिम्मत हर किसी में नहीं थी.
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विष्णु शर्मा की पुस्तक ‘इतिहास के 50 वायरल सच’ में राजाराम जाट से जुड़ी इस घटना का विस्तृत वर्णन मिलता है. राजाराम भरतपुर जिले के सिनसिनी रियासत के निवासी थे, जहां उस समय किला होने से पहले दुर्ग मौजूद था. मिर्जा राजा जयसिंह के साथ युद्ध में गोकुल जाट का भाई मारा गया, जिसके बाद गोकुल ने अपनी राजधानी मथुरा के निकट महावन में स्थापित की. सन 1669 में उन्होंने मथुरा और सादाबाद छावनी जैसे क्षेत्रों पर कब्जा जमा लिया और मुगल फौजदार अब्दुल नवी को मार गिराया. पांच महीने तक गोकुल ने आगरा के बेहद करीब के इलाकों में अपनी सत्ता कायम रखी, जो औरंगजेब के लिए असहनीय था.