झुंझुनूं के पंडित जी ने खोला शरद पूर्णिमा का राज, चांदनी में बैठकर बनाएं अपने भाग्य!

Sharad Purnima: राजस्थान के डूंडलोद के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य गिरीश पारीक के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा सोलह कलाओं से पूर्ण होकर अमृत बरसाता है. इस दिन श्रीकृष्ण की रासलीला, लक्ष्मी पूजन और खीर का विशेष महत्व है. चांदनी में की गई साधना से मन, शरीर और आत्मा को शांति व समृद्धि की प्राप्ति होती है.

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Sharad Purnima

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आश्विन मास की पूर्णिमा को मनाई जाने वाली शरद पूर्णिमा को हिंदू परंपरा में सबसे पवित्र रात कहा गया है. इस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से पूर्ण होता है और उसकी चांदनी में अमृत के समान ऊर्जा होती है. ऐसा माना जाता है कि इस रात चंद्रमा की किरणों से शरीर और मन दोनों को दिव्य शांति और शक्ति मिलती है.
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शरद पूर्णिमा की सबसे प्रसिद्ध कथा भगवान श्रीकृष्ण की महारास लीला से जुड़ी है. कहा जाता है कि इसी रात वृंदावन में श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ रास रचाया था. हर गोपी को लगा कि कृष्ण केवल उसी के साथ नृत्य कर रहे हैं. यह दिखाता है कि भगवान हर भक्त के साथ व्यक्तिगत रूप से जुड़े होते हैं.