क्या आप जानते हैं? राजस्थान का वो मंदिर जहां पर बालू के रेत से बने महादेव!

Rajasthan Quiz: टोंक जिले के नगरफोर्ट गांव स्थित मुचकंदेश्वर महादेव मंदिर में बालू रेत से बने अद्भुत शिवलिंग पर सिंदूरी चोला चढ़ाने की अनोखी परंपरा सदियों से जारी है. संवत 900 में राजा मुचकंद द्वारा स्थापित इस मंदिर का उल्लेख भागवत गीता और कृष्ण लीला में भी मिलता है.

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Muchkandeshwar Mahadev Temple

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आपने 12 ज्योर्तिलिंग और 108 उपज्योर्तिलिंग के बारे में तो खूब सुना होगा, पर आज बात एक ऐसे शिवलिंग की जो बालू रेत से बना है और शिव और पार्वती के एक ही स्वरूप में सिंदूरी चोला चढ़ाकर इसकी पूजा होती है. मंदिर से जुड़े पुजारियों के अनुसार यह दुनिया का एकमात्र वह शिवलिंग है जो बालू रेत से बना है और इस पर सिंदूरी चोला चढ़ता आया है. क्या है शिवलिंग पर सिंदूरी चोला चढ़ाने से जुड़ी मान्यता और क्या है मंदिर का इतिहास.
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Muchkandeshwar Mahadev Temple

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प्राचीन मान्यताओं और परम्पराओं के अनुसार शिवलिंग पर पंचामृत, दूध या जल से अभिषेक के साथ सहस्त्रघट की परम्पराएं रही हैं और दुनिया में कहीं भी हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार सिंदूरी चोला नहीं चढ़ाया जाता है. लेकिन टोंक जिले के नगरफोर्ट गांव में खेड़ा सभ्यता के पास मौजूद मुचकंदेश्वर महादेव मंदिर में बालू रेत से बने प्राचीन शिवलिंग पर हजारों सालों से सिंदूरी चोला चढ़ाने की परम्परा का निर्वहन निरन्तर जारी है.