एक झटके में मातम में बदली खुशियां, बेटियों की सगाई के दिन पिता ने दी जान
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एक झटके में मातम में बदली खुशियां, बेटियों की सगाई के दिन पिता ने दी जान

Pratapgarh news: बेटियों की सगाई व लगन में नहीं बुलाने पर पिता ने पेड़ से फंदे पर लटककर सुसाइड कर लिया. चार महीने पहले पत्नी अपने चार बच्चों के साथ पीहर चली गई थी. कार्यक्रम में नहीं बुलाने से वह तनाव में चल रहा था.

पिता ने दी जान

Pratapgarh news: बेटियों की सगाई व लगन में नहीं बुलाने पर पिता ने पेड़ से फंदे पर लटककर सुसाइड कर लिया. चार महीने पहले पत्नी अपने चार बच्चों के साथ पीहर चली गई थी. पत्नी ने लगन व शादी में आने से मना कर दिया था, इसी के चलते वह तनाव में चल रहा था. मामला प्रतापगढ़ के कोतवाली थाना क्षेत्र का है. घटना बसाड़ गांव में मंगलवार सुबह करीब 8 बजे हुई.

पत्नी चली गई थी पीहर
सब इंस्पेक्टर भंवरलाल ने बताया कि बसाड़ गांव निवासी सुखलाल पुत्र भैरूलाल की पत्नी केसरबाई अपने बच्चों के साथ चार महीने पहले पीहर चली गई थी. आज बड़ी दो बेटियों की सगाई और लगन का कार्यक्रम था. कार्यक्रम में नहीं बुलाने से वह तनाव में चल रहा था. मंगलवार सुबह 7 बजे पिता कहकर निकला था कि वह काम जा रहा है. सुखलाल ने घर से थोड़ी दूर रास्ते में ही बबूल के पेड़ पर फंदे से लटककर सुसाइड कर ली. पड़ोसी मोहम्मद असगर की सूचना पर परिजन प्रतापगढ़ जिला हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. जहां उसे मृत घोषित कर दिया. सूचना के बाद जिला हॉस्पिटल पहुंचकर शव का पोस्टमॉर्टम करवाया गया. शव परिजनों को सौंप दिया गया है. मृतक के भाई किशोर की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर लिया है.

बबूल के पेड़ पर लगाया फंदा 
घर से थोड़ी दूर रास्ते में बबूल के पेड़ पर फंदा लगाकर सुसाइड कर ली. मोहम्मद असगर ने बताया कि 15 महीने से मेरे खेतों में मजदूरी का काम कर रहा था. रोजाना सुबह 6 बजे सुखलाल को कुएं पर पानी की मोटर चलाने के लिए फोन करता हूं. आज सुबह भी किया था, लेकिन उसका फोन बंद आ रहा था. मस्जिद जाने के बाद खेत में सुखलाल को देखने जा रहा था, इस दौरान रास्ते में बबूल के पेड़ पर फंदे लटका मिला. इस पर परिजनों को सूचना देकर मौके पर बुलाया और फंदे से नीचे उतारकर जिला अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने सुखलाल को मृत घोषित कर दिया.

मृतक परिवारिक तनाव में था 
सुखलाल अपने पारिवारिक झगड़े से परेशान था. झगड़े के चलते चार महीने पहले पत्नी केसरबाई अपनी तीन बेटी पलक, कानू, कल्पना और बेटा कृष्णा को साथ लेकर पीहर चली गई थी. बड़ी दो बेटियों का आज सुखलाल के ससुराल में लगन व सगाई का कार्यक्रम था. करीब दो-तीन पहले पत्नी केसरबाई ने फोन पर दोनों बेटियों की शादी के बारे में बताया था और सुखलाल को कार्यक्रम में आने से मना किया था. इसके बाद से वह तनाव में चल रहा था.
मोहम्मद असगर ने बताया कि सुखलाल 15 महीने से मेरे खेतों में मजदूरी का काम कर रहा था. मोहम्मद असगर ने बताया कि सुखलाल 15 महीने से मेरे खेतों में मजदूरी का काम कर रहा था.

1.85 लाख रुपए का उधार
मोहम्मद ने बताया कि सुखलाल ने मेरे से टुकड़ों में 1.85 लाख रुपए रुपए भी उधार लिए थे. इसलिए उसने घर भी मेरे पास गिरवी रखा था. इसके लिए पांच महीने एग्रीमेंट किया था. खेत में मजदूरी करने की एवज में महीने के 8 हजार रुपए देता था.

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