नरेंद्र, चूरू: राजस्थान के कटोरानुमा बनावट वाले चूरू शहर में पानी निकासी की समस्या वर्षों से बनी हुई है. इस दौरान नगर परिषद ने कई बार करोड़ों रुपए की योजना बनाकर पानी निकासी के लिए बड़े नाले भी बनाए. लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. जिस कारण आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
आपको बता दें कि 2013 में कांग्रेस की पिछली सरकार ने चूरू में 1817 लाख की ड्रेनेज व सीवरेज की योजना बनाई थी. इस योजना के तहत शहर के मध्य जोहरी सागर के पास एक पंप हाउस बनाया गया और गाजसर गांव के पास वन विभाग की भूमि पर गंदे पानी के दो स्टोरेज बनाए गए. इन स्टोरेज की क्षमता कुल 7 एमएलडी की रखी गई.
योजना हो गई धराशाई
लेकिन ड्रेनेज सीवरेज के करोड़ों रुपए की योजना भी धराशाई हो चुकी है. इस दौरान कई जगह लाइन चोक हो चुका है. जिस कारण कई लोगों के घरों में शौचालय में पानी वापस आने लगता है. वहीं, बरसात के दिनों में शहर के पानी की निकासी नहीं होने से शहर के बड़े हिस्से में 3 से 4 फीट पानी भरा रह रहा है.
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आरयूआईडीपी के स्टोरेज फेल
आरयूआईडीपी के गाजसर गांव के पास बनाए गए स्टोरेज पर कार्यरत कर्मचारियों का कहना है कि इन दोनों स्टोरेज की कैपेसिटी 7 एमएलडी है. जबकि शहर से आने वाला पानी 11 एमएलडी का है. जिस कारण इन दोनों स्टोरेज में पानी ओवरफ्लो हो जाता है. इस मामले में स्थानीय लोग इस तरह की लापरवाही का कारण राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी को बताते हैं.