राजस्थान: प्रदेश में रामगढ़ विधानसभा सीट के बीएसपी उम्मीदवार जगत सिंह के खिलाफ चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर दिया है. रामगढ़ से बसपा के उम्मीदवार जगत सिंह पर चुनाव प्रचार में कथित रूप से आपत्तिजनक भाषा का उपयोग करने के लिए नोटिस जारी किया गया है. बता दें कि 7 दिसंबर को हुए विधानसभा चुनाव के दौरान प्रत्याशी की मौत के बाद इस सीट पर चुनाव स्थगित कर दिया गया था. अब रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के लिए 28 जनवरी को चुनाव होने जा रहा है.
वहीं प्रदेश की इस विधानसभा में इस बार चुनावी मैदान में सारे दलों ने दिग्गज उम्मीदवारों को उतारा है. प्रदेश स्तर पर भी रामगढ़ में हो रहे चुनाव में जीत का राजनीतिक दलों के लिए विशेष महत्व है. जिसको देखते हुए तीनों ही प्रमुख दलो ने यहां से जीत दर्ज कर अपना दबदबा कायम रखना चाहेंगे. जिसके लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ख़ुशवंत सिंह, कांग्रेस के सफिया खान, वहीं बसपा के जगत सिंह को रामगढ़ से दिग्गज उम्मीदवार माना जा रहा है.
Rajasthan: Notice issued to BSP's candidate Jagat Singh from Ramgarh for allegedly using objectionable language during campaign.Polling was postponed in the constituency after BSP candidate Lakshman Singh died of a cardiac arrest in November 2018. Voting on January 28. pic.twitter.com/9gSvBfGcck
— ANI (@ANI) January 16, 2019
इससे पहले के चुनावों में अलवर जिले को भारतीय जनता पार्टी का गढ़ माना जाता था. लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में यहां से बीजेपी ने केवल 2 सीटें जीती है. वहीं, बसपा की झोली में 2 सीटें, दो विधायक निर्दलीय और कांग्रेस के 4 विधायक चुनाव जीतने में कामयाब हुए हैं. ऐसे में रामगढ़ में होने वाली विधानसभा चुनाव पर सबकी नजरें टिकी हुई है.
प्रदेश में वर्तमान में मुख्यत: तीन राजनीतिक दल इन दिनों चर्चा में हैं. इनमें कांग्रेस, भाजपा व बसपा शामिल है. रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में भी तीनों ही दल मजबूती से ताल ठोक रहे हैं. रामगढ़ सीट जीत कर कांग्रेस विधानसभा में स्पष्ट बहुमत के नजदीक पहुंचना चाहेगी. वहीं भाजपा की चाहत इस चुनाव परिणाम के जरिये लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रदेश में फिर से अपना दबदबा साबित करने की रहेगी. यह चुनाव बसपा के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है, इसका कारण है कि गत विधानसभा चुनाव में पार्टी ने प्रदेश में 6 सीटें जीतकर अपनी मौजूदगी दिखाई है. पार्टी रामगढ़ सीट पर कब्जा कर प्रदेश के राजनीतिक समीकरण में बदलाव का संकेत दे सकती है.
हालांकि प्रदेश में रामगढ़ को छोड़ शेष विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव सम्पन्न होने के साथ ही राज्य में नई सरकार के गठन का कार्य भी पूरा हो चुका है. फिलहाल प्रदेश में सरकार गठन को लेकर किसी भी दल को कोई संकट भी नहीं है, ऐसे में रामगढ़ विधानसभा चुनाव के परिणाम सूबे की राजनीति में ज्यादा उथल-पुथल करने वाले साबित तो नहीं होंगे. बता दें कि बसपा प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह की नवंबर 2018 में कार्डियक अरेस्ट से मृत्यु हो जाने के बाद निर्वाचन क्षेत्र में स्थगित कर दिया गया. अब 28 जनवरी को यहां मतदान होंगे.