जयपुर: कृषि कानूनों पर एक तरफ़ जहां दिल्ली में सरकार और किसान संगठनों के बीच पहले दौर की बातचीत बेनतीजा रही तो दूसरी तरफ़ राजस्थान (Rajasthan) में भी किसान आंदोलन का दायरा बढ़ाने के लिए जनजागरण अभियान (Public awareness campaign) चलाया जा रहा है.
माकपा से जुड़े किसान नेताओं ने केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ़ तीन दिसंबर को राजस्थान में दो घंटे के चक्का-जाम का ऐलान किया है. किसान संघर्ष समन्वय समिति के डॉक्टर संजय माधव और तारा सिंह ने कहा कि कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए दिल्ली की तरफ़ मार्च करते हुए हाई-वे जाम किया जाएगा. किसानों के इस जाम से दिल्ली-जयपुर रूट पर यातायात प्रभावित हो सकता है.
क्या कहना है किसान नेता तारा सिंह का
किसान नेता तारा सिंह ने कहा कि पंचायत चुनावों के चलते अभी सांकेतिक रुप से यह विरोध प्रदर्शन है और चुनावों के बाद जयपुर-दिल्ली हाईवे को स्थायी रुप से जाम करने की तैयारी भी हो रही है. समन्वय समिति इसके लिए 10 दिसंबर तक जनजागरण अभियान भी चलाएगी.
किसान नेता संजय माधव ने कहा कि केंद्रीय कानूनों के विरोध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का पुतला जलाया जाएगा. साथ ही पर्चा वितरण, सभाओं-गोष्ठियों का आयोजन और धरना-प्रदर्शन जैसे कार्यक्रम भी होंगे. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे पंचायत चुनाव के बाद किसान अपने क्षेत्र में फ्री होते जा रहे हैं, वो पंजाब-हरियाणा के किसानों का साथ देने के लिए दिल्ली का रुख कर रहे हैं.
संघर्ष समिति ने राज्य में आंदोलन को व्यापक आकार देने के लिए अन्य सभी किसान संगठनों को साथ लाने की बात भी कही है. साथ ही सभी जनवादी संगठनों, किसान हितैषी राजनीतिक दलों और आम जनता से इस आंदोलन में सहयोग देने की अपील की है.