अशोक सिंह/सीकर: प्रदेश के सीकर जिले की खंडेला नगर पालिका में कार्यरत अधिशाषी अधिकारी प्रियंका बुडानिया को निलंबित किये जाने के बाद उनके कार्यकाल में हुए कार्यों में हुई वितीय अनियमितताओं की जांच की मांग अब मुखर होने लगी है. तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी पर खंडेला नगर पालिका चैयरमैन व पार्षद भ्रष्टाचार की शिकायत कर एसीबी में मामला दर्ज कर जांच की मांग कर रहे है.
कथित तौर पर विवादों में रहे तत्कालीन चिकित्सा राज्यमंत्री व खंडेला से त्त्कालीन विधायक बंशीधर बाजिया का खास कही जाने वाली तत्कालीन खंडेला नगर पालिका के अधिकारी प्रियंका बुडानिया को नई सरकार ने आते ही भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया है. हालांकि प्रियंका बुडानिया के खिलाफ पुरानी सरकार के कार्यकाल में लगातार भ्रष्टाचार व अनियमतताओं व पार्षदों से दुर्व्यवहार मनमाने ढंग से कार्रवाई करने के आरोप लगते रहे. लेकिन तब भी यही कहा जाता रहा की बाजिया का आर्शीवाद प्राप्त होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई.
प्रियंका पर पार्षदों व चैयरमैन पर कस्बे के विकास कार्यों को ठंडे बस्ते में रखने, मनमर्जी तरीके से पटटे जारी करने, बिना नोटिस के अतिक्रमण हटाने सहित कई आरोप लगातार लगते रहे. लेकिन बुडानिया ने किसी की नहीं सुनी और मनमर्जी व नियम विरूद्व कार्रवाई करती रही. जिसके चलते पार्षदों व चैयरमैन सहित कस्बे में उनके प्रति भारी आक्रोश रहा.
वहीं पार्षदों का कहना है कि बुडानिया ने नगर पालिका में भ्रष्टाचार की सारे हदे पार कर दी थी. पार्षदों से अभ्रद व्यवहार किया. ठेकेदारों का आरोप है कि बुडानिया ने नियम विरूद्व ठेके व नीलामी की जिसमें अधिकांश कार्रवईयां में भ्रष्टाचार करके की गई जिससे आमजन खासा परेशान रहा. पार्षदों व ठेकेदारों ने नगर पालिका में बुडानिया के कार्यकाल में किए गए कार्यों व पटटे जारी करने के जांच करने की मांग की है.
नेता प्रतिपक्ष अमित ओढाका ने भी पालिका में भ्रष्टाचार की बात कहते हुए कार्यकाल में किए गए घोटालों को उजागर करवाने के लिए एसीबी से जांच करवाने की मांग की है. वहीं नगर पालिका में कार्य कर चुके ठेकेदार सुभाष चंद भी अधिशाषी अधिकारी व अकाउंटेंट द्वारा बिल पास करने की एवज में रिश्वत मांगने की शिकायत लोकायुक्त तक कर चुके हैं. जिसके संबंध में भी जांच की जा रही है.
यहां तक कि नगर पालिका चेयरमैन पवन कुमार भी अब नगर पालिका में अधिशाषी अधिकारी द्वारा खुलकर किए गए भ्रष्टाचार की बात कह रहे हैं. चेयरमैन का कहना है कि राज्य सरकार में चिकित्सा राज्यमंत्री रहे स्थानीय पूर्व विधायक बंशीधर बाजिया की वजह से आज तक अधिशाषी अधिकारी के विरुद्ध कस्बे वासियों व पालिका मंडल द्वारा की गई शिकायतों को ठंडे बस्ते में डाले रखा गया था लेकिन अब सरकार बदलते ही उनपर एक्शन शुरू हुआ है और अधिशाषी अधिकारी को निलंबित कर दिया गया.
चेयरमैन ने अधिशाषी अधिकारी पर बिना उनकी स्वीकृति के भुगतान करने, पार्षदों के साथ दुर्व्यवहार करने, टेंडर प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं करने, बिना बोर्ड की स्वीकृति के पैसे खर्च करने, नगर पालिका कार्यालय में दलाली प्रथा को बढ़ावा देने सहित अनेक मामलों में किए गए भ्रष्टाचार की जांच की मांग की है. गौरतलब है कि बुडानिया के कार्यकाल के दौरान नगर पालिका पार्षदों व चैयरमैन व ठेकेदारों ने कई बार स्वायत शासन विभाग के आला अधिकारियों को इन मामलों की शिकायत की थी लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ था.