रोशन शर्मा, जयपुर: राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जो प्लास्टिक वेस्ट (Plastic Waste) को लेकर कानून लाने वाला है. प्लास्टिक वेस्ट (Plastic Waste) को रियूज (Reuse) करने वाले राज्यों में राजस्थान अब अग्रणी राज्यों में मॉडल के रूप में उभरेगा.
वेस्ट प्लास्टिक राजस्थान में अब सड़क निर्माण से लेकर सीमेंट फैक्ट्रियों में ईंधन के रूप में काम आ सकेगी. राजस्थान पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की पहल से अब प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों को शत-प्रतिशत प्लास्टिक रिकलेक्ट (Recollect) करना होगा. ऐसा नहीं करने पर राजस्थान पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एक्ट के तहत औद्योगिक इकाइयों पर कार्रवाई करेगा.
आय का जरिया बनेगा प्लास्टिक वेस्ट
प्लास्टिक वेस्ट (Plastic Waste) को रियूज करने वाले राज्यों के लिए राजस्थान मिसाल बनने वाला है. कचरा गंदगी समझ कर कूड़ेदान में फेंका जाने वाला कचरा अब सरकार के लिए तो आय का जरिया बनेगा ही, साथ ही इस सेक्टर में काम करने वाली एजेंसियों के लिए भी फायदेमंद होगा. रिकलेक्ट (Recollect) की गई वेस्ट प्लास्टिक से अब सड़क निर्माण होने से लेकर सीमेंट तक बन सकेगी. अब तक वेस्ट प्लास्टिक को रिसाइकिल करके प्लास्टिक बनाई जा रही थी लेकिन जो प्लास्टिक तैयार की जा रही थी, वो अच्छी गुणवत्ता वाली तैयार नहीं हो पा रही थी. साथ ही रिसाइकिल की गई प्लास्टिक में 50 प्रतिशत प्लास्टिक वेस्ट (Plastic Waste) जा रही थी. इससे पॉल्यूशन तो बढ़ ही रहा था, साथ ही ये पर्यावरण के लिए भी खतरा बनती जा रही थी लेकिन अब ये प्लास्टिक ही फायदेमंद साबित होने जा रही है. ऐसी वेस्ट प्लास्टिक को रोड निर्माण में यूज किया जा सकेगा.
कैसे किया जाएगा इस प्रोजेक्ट पर काम
अब सवाल ये उठता है कि ये संभव कैसे है, तो हम आपको बताते हैं कि प्रदेश में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को लेकर सरकार गंभीर है. प्लास्टिक पर कुछ हद तक प्रतिबंध लगाया गया है लेकिन उसके अच्छे परिणाम देखने को नहीं मिले हैं. ऐसे में अब राजस्थान पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ प्लास्टिक वेस्ट (Plastic Waste) को लेकर कानून लाने पर काम कर रहा है, जिससे बढ़ते प्रदूषण पर कंट्रोल पाने के साथ-साथ निस्तारण किया जा सके. इसके लिए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड प्लास्टिक सप्लाई करने वाली ऐसी एजेंसियों पर निगरानी रखी जा रही है, जो अपने प्रोडक्ट में प्लास्टिक यूज करती हैं. ऐसी औद्योगिक इकाइयों के लिए प्लास्टिक रिकलैक्ट करना अनिवार्य होगा. ऐसा नहीं करने पर प्लास्टिक वेस्ट (Plastic Waste) मैनेजमेंट्स रूल्स 2016 के तहत कार्रवाई करना सुनिश्चित किया जाएगा.
वेस्ट प्लास्टिक सिस्टम (Waste Plastic System) पर प्रभावी मॉनिटरिंग करने के लिए राजस्थान पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड आयकर विभाग की तर्ज पर सेल्फ ऑडिट फार्मूला लाने जा रही है. औद्योगिक इकाइयों को हर तीन महीने में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को ऑडिट रिपोर्ट सौंपनी होगी कि उन्होंने कितने प्लास्टिक की खरीद की और कितना प्लास्टिक यूज किया. साथ ही यूज किए गए प्लास्टिक में से कितना प्लास्टिक वापस रिकलेक्ट किया.