खंडार क्षेत्र में कीचड़ से निकलकर स्कूल पहुंच रहे है बच्चे, आधे से ज्यादा लौट रहे घर
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खंडार क्षेत्र में कीचड़ से निकलकर स्कूल पहुंच रहे है बच्चे, आधे से ज्यादा लौट रहे घर

बरसात के दिनों में सड़क पर फैले कीचड़ से गुजरने को मजबूर हैं. सुमनपुरा गांव में संचालित तीन विद्यालयों के छात्रों को भी मजबूर होकर रोजाना घुटनों तक गहरे गड्डो में भरे पानी और कीचड़ से गुजरने की मजबूरी बनी हुई है.

सड़क पर फैले कीचड़ से गुजरने को मजबूर.

Khandar: सवाई माधोपुर जिले के खंडार उपखण्ड क्षेत्र की ग्राम पंचायत अल्लापुर और दौलतपुरा के अधीन लगने वाले तीन गांवो के लोगों को इन दिनों मुख्य आवागमन मार्ग पर सिंचाई विभाग द्वारा पक्की नहर निर्माण के बाद नहर के दोनों तरफ पटरियों पर तीन मीटर चौड़ाई और 5 इंच मोटाई में प्रस्तावित ग्रेवल सड़क में घटिया निर्माण का खामियाजा गांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

 वहीं बरसात के दिनों में सड़क पर फैले कीचड़ से गुजरने को मजबूर हैं. सुमनपुरा गांव में संचालित तीन विद्यालयों के छात्रों को भी मजबूर होकर रोजाना घुटनों तक गहरे गड्डो में भरे पानी और कीचड़ से गुजरने की मजबूरी बनी हुई है. नहर का ये मुख्य रास्ता आवागमन के हिसाब से बेरना गांव की पुलिया से क्यारदा खुर्द, सुमनपुरा तक करीब 2.5 किमी लंबा है जो बहरावंडा खुर्द और दौलतपुरा गांव से गुजर रहे NH-552 सड़क मार्ग से जुड़ता है. दूसरी तरफ ये मार्ग सीधे खातोली सड़क मार्ग से भी जुड़ा हुआ है.

ग्रामीण राधेश्याम जांगिड़, बृजमोहन सैनी, दिलराज सैनी, नरेंद्र गुर्जर, रमेश सैनी, हेमराज गुर्जर आदि ने बताया कि पूर्व में सिंचाई विभाग द्वारा नहर को पक्का करने का काम किया गया था. जिसमे नहर की पटरियों पर ग्रेवल सड़क निर्माण कार्य कराना भी प्रस्तावित था पर ठेकेदार और सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते नहर की पटरियों पर मिट्टी डालकर उसे समतल करने के बाद ऐसे ही छोड़ दिया.

जिसके कारण नहर का मुख्य रास्ता बरसात के दिनों में पूरा कीचड़ में तब्दील हो गया और जगह जगह गड्डो में बरसाती पानी से भरा पड़ा है. जिसके चलते क्षेत्र में संचालित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सुमनपुरा, श्री बालाजी उच्च माध्यमिक विद्यालय एवं भारवी माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को कीचड़ से गुजरना पड़ता हैं.

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ग्रामीणों को अपने दुपहिया-चौपहिया वाहनों को निकालने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कहीं बार वाहन फिसलने से ग्रामीणों को दुर्घटना का शिकार भी होना पड़ रहा हैं. कीचड़ में कहीं बार स्कूली बच्चे फिसलकर गिर जाते है जिसके कारण कही बार स्कूल जाने के बजाय बच्चों को वापस घर लौटना पड़ता हैं जिससे उनकी पढ़ाई का नुकसान हो रहा है.

ग्रामीणों का आरोप है कि नहर के रास्ते को सही करवाने के लिए कहीं बार सिंचाई विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाया गया पर विभागीय अधिकारियों के कानों पर जू तक नही रेंगी.

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