सवाई माधोपुर: रणथंभौर में अपनी 15 सूत्री मांगों को लेकर वनकर्मियों का महापड़ाव जारी है. वनकर्मियों ने अपने आंदोलन के तहत आज भी रणथंभौर नेशनल पार्क के मुख्य प्रवेश द्वार पर तालाबंदी कर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. वनकर्मियों के इस महापड़ाव में सवाई माधोपुर सहित अन्य सात जिलों के वनकर्मी शामिल है.


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वनकर्मियों द्वारा रणथंभौर के मुख्य प्रवेश द्वार पर की गई तालाबंदी और महापड़ाव के चलते रणथंभौर भ्रमण पर आने वाले पर्यटकों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ा. हालांकि, वन विभाग द्वारा रणथंभौर के मुख्य प्रवेश द्वार पर वनकर्मियों द्वारा की गई तालाबंदी एंव महापड़ाव को देखते हुवे पार्क भ्रमण पर जाने वाले पर्यटक वाहनों का रूट डायवर्ट किया गया और वैकल्पिक व्यवस्था कर पर्यटकों को टाईगर सफारी करवाई गई.


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मांगें पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रहने का आंदोलन


रणथंभोर के मुख्य प्रवेश द्वार पर महापड़ाव डालकर बैठे वनकर्मियों का कहना है कि जब तक सरकार द्वारा उनकी 15 सूत्री मांगें पूरी नहीं की जाती और उनके प्रतिनिधि मंडल से जब तक सरकार कोई वार्ता नहीं करती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. वनकर्मियों का कहना है उनके द्वारा रणथंभौर के मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला जड़ दिया गया और अगर सरकार द्वारा उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती है तो वनकर्मियों द्वारा रणथंभौर के सभी प्रवेश द्वार बंद कर पर्यटक गतिविधियों को पूर्णतया रोक दिया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकारी की होगी.


राज्य सरकार पर ध्यान नहीं देने का आरोप


वनकर्मियों ने बताया कि वन कर्मियों की मांगों को लेकर राज्य सरकार गम्भीर नहीं है. कई मर्तबा सरकार से वार्ता होने के बाद भी सरकार द्वारा वनकर्मियों के साथ किया गया समझौता लागू नहीं किया गया. ऐसे में मजबूरन वनकर्मचारियों को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने पड़ रहा है.


वन कर्मचारियों की ये हैं प्रमुख मांगें


वन कर्मचारियों ने पुलिस, पटवारी एवं ग्राम सेवक आदि समकक्ष पदों के समान वेतन देने,वन विभाग में आठवीं व दसवीं पास कार्य प्रभारी वन कर्मियों को पूर्व की भांति आयु सीमा व योग्यता में शिथिलता देने, वनकर्मियों का मेस भत्ता 2200 करने, वन विभाग में कार्यरत कार्य प्रभारी वन कर्मचारियों को सेवानीयम के दायरे में लेते हुए अन्य विभागों की तरह पदोन्नति देने, वर्दी भत्ता देने सहित 15 सूत्री मांगें पूरी करने की मांग की है. वनकर्मचारियों का कहना है की जब तक सरकार द्वारा उनकी मांगे पूरी नही की जाती तब तक वनकर्मियों का आंदोलन इसी तरह जारी रहेगा .