Bamanwas: पिछले 12 घंटों में 19 MM से अधिक बारिश दर्ज, तिल-बाजरे की फसलों को भारी नुकसान
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Bamanwas: पिछले 12 घंटों में 19 MM से अधिक बारिश दर्ज, तिल-बाजरे की फसलों को भारी नुकसान

Bamanwas: सावन-भादो और अश्विन के बाद अब कार्तिक में भी मेघ मल्हार जारी है. उपखंड क्षेत्र बौंली में मानसून की विदाई के बाद भी सावन के तरानों की तरन्नुम धरती पुत्रों पर कहर की सरगम गुनगुनाने लगी है. लगातार बारिश के दौर से बची-कुची तिल-बाजरे की फसल में भारी नुकसान देखने को मिल रहा है. 

12 घंटों में 19 MM से अधिक बारिश दर्ज

Bamanwas: सावन-भादो और अश्विन के बाद अब कार्तिक में भी मेघ मल्हार जारी है. उपखंड क्षेत्र बौंली में मानसून की विदाई के बाद भी सावन के तरानों की तरन्नुम धरती पुत्रों पर कहर की सरगम गुनगुनाने लगी है. लगातार बारिश के दौर से बची-कुची तिल-बाजरे की फसल में भारी नुकसान देखने को मिल रहा है. 

उपखंड मुख्यालय बौंली पर विगत 12 घंटों में 19 एमएम से अधिक बारिश हो चुकी है. वहीं औसत बारिश 550 mm के मुकाबले वर्ष भर में 775 से एमएम बारिश पूर्व में ही दर्ज की जा चुकी है. यूं तो क्षेत्र में अधिकांश तिल और बाजरे की फसल कट चुकी है, लेकिन कुछ खेतों में अभी तक फसलों को सुखाने के लिए रखा गया है. ऐसे में खेतों में पड़ी हुई कटी फसल बारिश के चलते बर्बाद होने के कगार पर है.

किसानों की मानें तो पूर्व में बेमौसम हुई बारिश से बाजरे की फसल में 70 से 90 फीसदी तक खराबा हो चुका है. क्षेत्र के मित्रपुरा, पीपलवाड़ा, बहनोंली, पीपल्दा और कोड्याई सहित विभिन्न गांव में विगत रात से ही बारिश का दौर जारी है. लगातार बारिश के चलते जनजीवन भी अस्त-व्यस्त नजर आ रहा है. वहीं विगत कुछ दिनों से तापमान में हुई बढ़ोतरी के चलते हो रही परेशानी से भी निजात मिली है.

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गौरतलब है कि विगत एक दशक में ऐसा पहली बार हुआ है कि सावन भादो गुजर जाने के बाद 5 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई है. हालांकि अच्छी बारिश का सकारात्मक असर क्षेत्र के भूजल स्तर पर भी अपेक्षित माना जा रहा है. लेकिन बेमौसम बारिश धरती पुत्रों के लिए कंगाली में आटा गीला कहावत को यथार्थ करते जान पड़ती है. पूर्व में हुई बेमौसम बारिश के बाद हुए फसल खराबे को लेकर किसान नेताओं ने प्रदर्शन कर मुआवजे की मांग भी की थी, लेकिन अभी तक खराबे की गिरदावरी न होने से किसान मायूस हैं.

Reporter: Arvind Singh

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