Rajasthan Crime: बेटी का हत्यारा उसका पिता ही निकला. कोर्ट ने आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाई है. जानिए ये पूरा मामला क्या है.
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Rajasthan Crime: सीकर जिले के ADJ प्रथम ने ऑनर किलिंग के मामले में 1 आरोपी को मृत्युदंड 10 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं कोर्ट ने 3 आरोपियों को बरी कर दिया है. मृतका के पिता रामगोपाल को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा 10 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
जानकारी के अनुसार, सीकर जिले के खाटूश्याम जी थाना अंतर्गत अलोदा गांव निवासी रामगोपाल ने अपने रिश्तेदारों व साथियों के साथ मिलकर अपनी पुत्री प्रेम कुमारी और उसके प्रेमी गणपत लाल की पीट-पीट कर निर्मम हत्या कर दी थी.
आरोपियों ने हत्याकर शव को बोरे में डालकर जीण माता की पहाड़ियों में सुनसान जगह फेंक दिया था. हत्या करने के बाद आरोपी रामगोपाल ने अपने अपराध को छिपाने के लिए खाटूश्याम जी थाने में अपनी पुत्री के अपहरण का मामला दर्ज करवाया. वहीं मृतक गणपतलाल के परिजनों ने भी रामगोपाल और उसके साथियों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा रानोली थाने में दर्ज करवाया.
दोनों थानों की पुलिस ने मिलकर मामले की जांच की. जिसमें रामगोपाल द्वारा दर्ज करवाया मामला झूठा पाया गया. पुलिस ने जांच में पाया कि राम गोपाल रात्रि के समय अपने घर से खाना खाकर बाहर जा रहा था. इसी दौरान उसने अपनी पुत्री प्रेम कुमारी को फोन पर किसी के साथ बात करते हुए देखा.
पुलिस ने बताया कि रामगोपाल को अपनी पुत्री के पास फोन होने का पता नहीं था. उसको फोन पर बात करते देखकर आरोपी ने पुत्री प्रेम कुमारी से पूछा कि वह किस के साथ फोन पर बात कर रही है. जिसके बाद प्रेम कुमारी ने कुछ संतुष्ट जवाब नहीं दिया.
इस पर रामगोपाल ने अपनी पुत्री के साथ मारपीट की और पूरी जानकारी प्रेम कुमारी से ली. पुलिस ने बताया कि आरोपी ने अपनी पुत्री प्रेम कुमारी को विश्वास में लेकर उसके प्रेमी गणपत लाल को फोन करके घर बुलाया. साथ ही उसके साथ में सीकर के लिए घूमने का कहकर रवाना करवा दिया. पीछे से रामगोपाल व उसके साथी गाड़ी में सवार होकर उनका पीछा करने लग गए.
इसी दौरान रास्ते में मृतक गणपत लाल ने अपनी मोटरसाइकिलपेट्रोल भरवाने के लिए पेट्रोल पंप रोकी. वहीं पर रामगोपाल व उसके साथियों ने दोनों को गाड़ी में डालकर मारपीट शुरू कर दी. आरोपी उनका अपहरण करके सुनसान जगह ले गए. जहां पर उनके साथ लोहे के तार व सरियों से मारपीट कर उनकी निर्मम हत्या कर दी.
इसके बाद आरोपी दोनों शवों को बोरे में डालकर रात में जीण माता की पहाड़ियों में फेंक कर आ गए. रामगोपाल अपनी पुत्री के प्रेम संबंधों को लेकर नाराज था. इसी नाराजगी की वजह से उसने दोनों को मौत के घाट उतार दिया.
मामले में अनुसंधान होने के बाद कोर्ट में फाइल पेश की गई. मामले के पक्ष में क पीड़ित पक्ष के वकील द्वारा 69 गवाह और 270 आर्टिकल और CCTV फुटेज को पेश किए गए. जिनके आधार पर 11 आरोपियों को दोषी माना गया. तीन को बरी कर दिया गया.
कोर्ट ने दोषी रामगोपाल उर्फ गोपाल को मृत्युदंड की सजा सुनाई तो दोषी नंदलाल नंदकार, बीरबल,सोहनलाल, मदनलाल चांदीवाल, महादेव, संदीप गुर्जर,बाबूलाल उर्फ हरनेक सिंह,परसराम,राजेश चौधरी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. जबकि मामले में महेंद्र चौपड़ा, महेंद्र गुर्जर औ रछोटूराम उर्फ छोटू को बरी कर दिया गया.