भवानी सिंह, जोधपुर: देश और प्रदेश में मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. ऐसी घटनाओं के साथ ही भीड़ को नियंत्रित करने में कई बार पुलिस को कड़ी मशक्त करनी पड़ती है लेकिन पुलिस मुख्यालय से राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) को एक खास स्प्रे मिला है.
जी हां, अब कैप्सी स्प्रे से पुलिस भीड़ को नियंत्रित कर सकेगी. अब थानाधिकारी पिस्टल के साथ इस स्प्रे को भी साथ रखेंगे. कहीं पर भीड़ उग्र होती है तो पुलिस इस स्प्रे का इस्तेमाल कर भीड़ को बिना किसी नुकसान के नियंत्रित और तितर-बितर कर सकेगी.
राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) में लगातार नवाचार हो रहे हैं. इसी कड़ी में राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) में मॉब लिंचिंग (Mob Lynching), भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कैप्सी स्प्रे का सहारा लेगी. जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट को पुलिस मुख्यालय से कैप्सी स्प्रे मिला है. दिखने में आम स्प्रे जैसा दिखने वाला यह कैप्सी स्प्रे पुलिस के लिए भीड़ को नियंत्रित करने में कारगर साबित होगा.
शरीर पर होगी जलन
पुलिस कमिश्नरेट में सभी थानाधिकारी अब ड्यूटी के दौरान पिस्टल के साथ इस स्प्रे को भी वर्दी के साथ लगाकर रखेंगे. अगर कहीं जमा भीड़ अनियंत्रित या उग्र होती है तो पुलिस इस कैप्सी स्प्रे का छिड़काव करेगी. इसके बाद उस भीड़ में शामिल लोगों के आंखों, शरीर पर जलन होगी. कुछ देर बाद सब कुछ सामान्य हो जाएगा यानी इससे किसी तरह का शरीर को नुकसान नहीं होगा.
कैरी करने में भी नहीं होगी कोई परेशानी
डीआरडीओ द्वारा खास तकीनीकी से तैयार किया गया यह कैप्सी स्प्रे अब पुलिस के लिए प्राथमिक तौर में पुलिस को मॉब लिंचिंग (Mob Lynching), भीड़ को नियंत्रित तितर-बितर करने के साथ ही भीड़ से पुलिस के जवानों को गिरने के स्थिति में काफी कारगर साबित होगा. इसके इस्तेमाल को लेकर थानाधिकारियों को प्रशिक्षण देने के साथ ही ड्यूटी के दौरान पिस्टल के साथ ही वर्दी पर रखना होगा. इस स्प्रे को कैरी करने में भी कोई दिकत या परेशानी नहीं होगी. छोटे पैकिंग में आम स्प्रे डीओ जैसा दिखने वाला यह स्प्रे शुरुआत में जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के थानाधिकारी को दिया गया है.
बहरहाल कैप्सी स्प्रे यानी की भीड़ और मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) को नियंत्रित करने वाला स्प्रे, कमिश्नरेट पुलिस को मिल गया है. यह खास स्प्रे भीड़, मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) के साथ ही भीड़ से घिरने की घटनाओं को नियंत्रित करने पुलिस के लिए सहायक साबित होगा, लेकिन यह पुलिस के लिए कितना कारगर होगा, यह तो ऐसी घटनाओं में इसके इस्तेमाल और इसके परिणाम आने के बाद ही साफ होगा.
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