लोकसभा सांसद निहाल चन्द ने कहा है कि राजस्थान प्रदेश सरकार की उदासीनता के चलते अभी तक लालगढ एयरपोर्ट शुरू नहीं हो सका है और केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ''उड़ान योजना में शामिल होने से वंचित रह गया है.
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Lalgarh Airport: श्रीगंगानगर के लालगढ़ एयरपोर्ट का विस्तार करते हुए इसे क्षेत्रीय संपर्क योजना (आर.सी.एस.) के अंतर्गत शामिल करने के लिए लम्बे समय से प्रयासरत लोकसभा सांसद निहाल चन्द ने कहा है कि राजस्थान प्रदेश सरकार की उदासीनता के चलते अभी तक लालगढ एयरपोर्ट शुरू नहीं हो सका है और केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ''उड़ान योजना में शामिल होने से वंचित रह गया है.
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संसद के वर्तमान बजट सत्र में भी लोकसभा सांसद ने नियम 377 के अंतर्गत केंद्र सरकार से लालगढ हवाई पट्टी पर जरूरी यात्री और परिचालन सुविधाओं का विस्तार करते हुए. इसे उड़ान योजना के चौथे चरण में शामिल करने का आग्रह किया था. नियम 377 के तहत उठाये गए इस विषय के बारे में नागर विमानन मंत्रालय, भारत सरकार से मिले जवाब में बताया गया है कि ''उड़ान योजना की बोली प्रक्रिया के 4.1 चरण में जयपुर-श्रीगंगानगर-जयपुर मार्ग दिया गया है. लेकिन राजस्थान राज्य सरकार की तरफ से चयनित हवाई अड्डा प्रचालकों के 100 प्रतिशत व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण को वहन करने की सहमति के अभाव में उक्त मार्ग की अवार्ड प्रक्रिया अभी लंबित है और जैसे ही प्रदेश सरकार की सहमति मिलेगी. इस विषय में आवश्यक कार्यवाही की जाएगी. यदि इस सीमावर्ती क्षेत्र को हवाई मार्ग से जोडना है और इसे उड़ान योजना में शामिल करना है, तो प्रदेश सरकार को अपनी उदासीनता को त्यागना पड़ेगा.
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केंद्र सरकार की इस योजना को प्रदेश में धरातल पर उतारने के लिए प्रदेश सरकार की भूमिका बेहद अहम हो जाती है. ये इलाका अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित है, जिसका सामरिक और सुरक्षा की दृष्टि से भी बहुत बड़ा महत्व है. अगर लालगढ स्थित हवाई पट्टी को विकसित कर यहां एक एयरपोर्ट का निर्माण किया जाता है, तो आमजन के साथ ही साथ भारतीय सेना को भी इसका बहुत फायदा होगा.
रिपोर्टर-कुलदीप गोयल