गेंहू की बिक्री से किसानों की बल्ले बल्ले, लेकिन FSI की झोली खाली
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गेंहू की बिक्री से किसानों की बल्ले बल्ले, लेकिन FSI की झोली खाली

दूसरी और किसान अच्छे भाव मिलने से काफी खुश नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले गेहूं के भावो में 300 से ₹400 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी देखी जा रही है. 

गेंहू की बिक्री से किसानों की बल्ले बल्ले, लेकिन FSI की झोली खाली

Shri Ganga Nagar : राजस्थान के श्रीगंगानगर में इस बार सरकार द्वारा निर्धारित गेहूं के समर्थन मूल्य ₹2015 प्रति क्विंटल से ज्यादा गेहूं के भाव बाजार में किसानों को मिल रहे हैं और यही वजह है कि इस बार एफसीआई की झोली खाली ही रहेने की संभावना दिखाई दे रही हैं.

दरअसल इस बार जहां एक तरफ गेहूं की बिजाई का क्षेत्रफल घटा है तो वही उत्पादन कम होने के साथ-साथ वैश्विक बाजार में भी गेहूं की डिमांड में बढ़ोतरी हुई है और यही वजह है कि इस बार खुले बाजार में गेहूं के भाव में काफी तेजी देखी जा रही है.

जानकारों की मानें तो रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग भी गेहूं की भावों में तेजी लाने का एक बड़ा कारण है. हालांकि फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद की प्रक्रिया 1 अप्रैल से ही शुरू कर दी गई है, लेकिन बाजार में समर्थन मूल्य से ज्यादा भाव मिलने के कारण किसान एफसीआई तक नहीं पहुंच रहे हैं.

दूसरी और किसान अच्छे भाव मिलने से काफी खुश नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले गेहूं के भावो में 300 से ₹400 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी देखी जा रही है. 

ऐसे में वो अपना गेहूं खुले बाजार में बेच कर ही खुश हैं. व्यापारियों का कहना है कि गेहूं के भावों में कमी आने की संभावना दिखाई नहीं दे रही. राजस्थान में आधे क्षेत्रफल में ही बिजाई हुई है. वहीं हरियाणा और पंजाब में भी 30% कम क्षेत्रफल में बिजाई हुई है. ऐसे में गेहूं के दामों में और बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है.

रिपोर्टर- कुलदीप गोयल

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