क्या जनता के दबाव में सरकार ने कम किये पेट्रोल-डीजल के दाम, या फिर कुछ और है वजह, जानें राय
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क्या जनता के दबाव में सरकार ने कम किये पेट्रोल-डीजल के दाम, या फिर कुछ और है वजह, जानें राय

 केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी कर दी है. इससे उपभोक्ताओं को राहत तो मिली है,  लेकिन उपभोक्ताओं में ख़ुशी के साथ-साथ नाराजगी भी दिखाई दे रही है. उपभोक्ताओं का कहना है कि पहले तो सरकार दामों में बढ़ोतरी करती है और बाद में थोड़ी सी कमी कर देती है.

 

रास्जथान में पेट्रोल और डीजल के दामों में भारी अंतर है.

सादुलशहरः श्रीगंगानगर में पेट्रोल डलवाने आये उपभोक्ताओं ने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते हैं, वैसे-वैसे बढ़ोतरी रोक दी जाती है. दामों में कमी कर दी जाती है. उधर चुनाव समाप्त होने के बाद फिर से दाम बढ़ा दिए जायेंगे. उन्होंने कहा कि अभी कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं. ऐसे में सरकार ने जनता के दवाब में दाम कम कर दिए हैं. जैसे ही चुनाव समाप्त हो जायेंगे वैसे ही दाम बढ़ा दिए जायेंगे. इस मामले में कांग्रेसी विधायक एडवोकेट जगदीश चंद्र जांगिड़ ने कहा कि हिन्दुस्तान की जनता के दवाब के कारण केंद्र ने ये फैंसला लिया है. असल में केंद्र ने दाम कम करने का नाटक किया है. राजस्थान में हुए चिंतन शिविर के बाद भाजपा की सरकार भारी दवाब में है, 

अब भाजपा के बड़े बड़े नेता राजस्था में आकर चिंतन कर रहे हैं. विधायक ने कहा कि यदि वास्तव में जनता को राहत देनी है तो 2014 की यूपीए सरकार के समय पेट्रोल के सत्तर रुपये प्रति लीटर दाम करके दिखाते. उन्होंने कहा कि अब जनता जाग गयी है, भाजपा की आमजन विरोधी नीतियों को पहचान गयी है. आज हर वर्ग महंगाई से बुरी तरह त्रस्त है. 

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इसका जवाब जनता भाजपा को बखूबी देगी. उधर पेट्रोल पंप संचालको का कहना है कि पड़ोसी राज्य पंजाब में अभी भी रास्जथान के मुकाबले पेट्रोल और डीजल के दामों में भारी अंतर है. ऐसे में सरकारों को चाहिए की पंजाब और राजस्थान में पेट्रोल और डीजल के दामों में एकरूपता हो. जिससे उनका कारोबार ठप्प नहीं हो.

रिपोर्टर-कुलदीप गोयल

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