राज्यसभा सांसद हर्षवर्धन सिंह समेत 5 पर केस दर्ज, 40 बीघा जमीन हड़पने का आरोप
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राज्यसभा सांसद हर्षवर्धन सिंह समेत 5 पर केस दर्ज, 40 बीघा जमीन हड़पने का आरोप

डूंगरपुर जिले (Dungarpur News) के कोतवाली थाने में राज्यसभा सांसद हर्षवर्धन सिंह सहित 5 लोगों के खिलाफ कूट रचित दस्तावेज तैयार कर 40 बीघा जमीन हड़पने का मामला दर्ज हुआ है.  

फाइल फोटो

Dungarpur : राजस्थान के डूंगरपुर जिले (Dungarpur News) के कोतवाली थाने में राज्यसभा सांसद हर्षवर्धन सिंह सहित 5 लोगों के खिलाफ कूट रचित दस्तावेज तैयार कर 40 बीघा जमीन हड़पने का मामला दर्ज हुआ है. वहीं, मामले की जांच अब सीआईडी सीबी करेगी. कोतवाली थाने के सीआई दिलीपदान ने बताया कि शहर के लालपुरा निवासी सलीम ने कोर्ट के इस्तगासे पर राज्यसभा सांसद हर्षवर्धन सिंह (Rajya Sabha MP Harshvardhan Singh), तत्कालीन डूंगरपुर तहसीलदार, मांडवा खापरडा पटवारी, सरपंच और ग्राम सचिव के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है. 

उन्होंने बताया कि इस्तगासे में पीड़ित परिवादी सलीम ने बताया कि वर्ष 1965 में डूंगरपुर महारावल के सेकेट्री अम्बालाल पटेल से उनके पिता पीरवक्ष मेवाफरोश ने 40 बीघा जमीन खरीदी थी और 1985 को  उपपंजीयन कार्यालय में रजिस्ट्री भी करवाई थी, लेकिन सीलिंग एक्ट लागू होने के बाद उनकी जमीन बिलानाम हो गई थी जिसके चलते प्रार्थी का नाम राजस्व रिकॉर्ड में अंकित नहीं हो सका था. इसके बाद प्रार्थी ने डूंगरपुर एसडीएम कोर्ट में खातेदारी हक के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें 13 फरवरी 2001 को लेंड होल्डर डूंगरपुर तहसीलदार द्वारा राजकीय भूमि बताने पर डूंगरपुर एसडीएम को ने प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया था, जिसके बाद प्रार्थी ने राजस्व अपील अधिकारी डूंगरपुर के समक्ष अपील की. जिसमें 14 अगस्त 2001 को राजस्व अपील अधिकारी ने डूंगरपुर एसडीएम कोर्ट के निर्णय को खारिज करते हुए रजिस्ट्रेड दस्तावेजो के आधार पर प्रार्थी को हिस्सेदार काश्तकार घोषित किया था. 

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वहीं, इस निर्णय के बाद डूंगरपुर तहसीलदार के राजस्व मंडल अजमेर में अपील की थी, जिसमें राजस्व मंडल अजमेर ने तहसीलदार की अपील को खारिज कर दिया था. जिसके बाद प्रार्थी ने 5 जुलाई 2004 को नामान्तरण खोलने के लिए डूंगरपुर तहसीलदार को प्रार्थना पत्र पेश किया था, लेकिन रेवेन्यु बोर्ड में मामला लंबित होने का हवाला देते हुए तहसीलदार ने नामान्तरण नहीं खोला था. इस बीच 13 जून 2017 को राज्यसभा सांसद हर्षवर्धन सिंह ने अपने प्रभाव से कूट रचित दस्तावेज तैयार कर तत्कालीन डूंगरपुर तहसीलदार, मांडवा खापरडा पटवारी, सरपंच और ग्राम सचिव से मिलीभगत कर उक्त 40 बीघा जमीन का नामान्तरण अपने नाम खुलवा लिया था. इसी मामले में पीड़ित सलीम ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस्तागासा दिया था. उसी इस्तगासे पर कोतवाली थाना पुलिस ने राज्यसभा सांसद हर्षवर्धन सिंह और तत्कालीन डूंगरपुर तहसीलदार, मांडवा खापरडा पटवारी, सरपंच और ग्राम सचिव के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. वहीं, मामले की जांच अब सीआईडी सीबी करेगी.

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