कोरोना में हवा में जहर घोल रहे ईंट भट्टे, मरीजों संग आम लोगों का सांस लेना हुआ मुश्किल
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कोरोना में हवा में जहर घोल रहे ईंट भट्टे, मरीजों संग आम लोगों का सांस लेना हुआ मुश्किल

नियमों के अनुसार, बस्ती क्षेत्र के पास ईंट भट्टों का संचालन नहीं किया जा सकता है. बावजूद इसके यहां सालों से चल रहे ईट-भट्टों को नजरअंदाज करके लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

कोरोना में हवा में जहर घोल रहे ईंट भट्टे. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Chittorgarh: रावतभाटा में प्रशासन की नाक के नीचे नियमों को धत्ता बता कर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से मात्र 500 मीटर की दूरी पर आबादी क्षेत्र के पास ईंट भट्टों का संचालन किया जा रहा है, जिससे संक्रमण की मार झेल रहे मरीजों के साथ आमजन का सांस लेना मुश्किल हो रहा है.

दरअसल, वर्तमान समय कोरोना काल में पूरा विश्व संक्रमण की महामारी से जूझ रहा है, जिसमें कोरोना का वायरस लोगों के फैफड़ों में जाकर उन्हें सांस लेने के लिए मोहताज कर देता है. वहीं, रावतभाटा में रोजाना रिहायशी कॉलोनियों के पास सुलग रहे ईट भट्टों से उठता जहरिला धुआं वातावरण के ऑक्सीजन स्तर को बिगाड़ रहा है.

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जानकारी के अनुसार, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से करीब 500 मीटर की दूरी पर आदर्श नगर, रामपुरा मोहल्ला व कुम्हार मोहल्ले में बड़ी संख्या में लोग रहते है. इनमें संख्या मुस्लिम आबादी की है. यहीं रिहायशी कॉलोनियों के पास करीब सालों से आधा दर्जन ईट भट्टों का संचालन हो रहा है.

शाम होते ही इन ईंट भट्टों को सुलगा दिया जाता है, जिसके बाद ईंट भट्टों से उठता जहरिला धुआं लोगों की सांसों में घुल कर उन्हें बीमार कर रहा है, तो कुछ दूरी पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्थित कोविड केयर सेंटर में भर्ती मरीजों की सांसों तक पहुंच कर उन्हें और भी ज्यादा बीमार कर रहा है.

जानकारी के अनुसार, आदर्श नगर आबादी क्षेत्र में आए दिन संक्रमित मरीज मिल रहे हैं, इसमें कुछ की मौत हो चुकी है, तो कइयों को उनके घरों पर ही होम आइसोलेट किया गया है. रोजाना वातावरण में घुलता जहरिला धुआं इन मरीजों की सांसों की गति कमजोर कर रहा है. वहीं, बड़ी संख्या में संक्रमण से ठीक हुए मरीजों के लिए भी आफत बना हुआ है. सरकारी नियमों के अनुसार, बस्ती क्षेत्र के पास ईंट भट्टों का संचालन नहीं किया जा सकता है. बावजूद इसके यहां सालों से चल रहे ईंट भट्टों को नजरअंदाज करके लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

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स्थानीय लोगों के अनुसार, कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायत देकर ईंट भट्टों को बंद करवाने की मांग की जा चुकी है. लेकिन जिमेदारों की ओर से लोगों की समस्या पर ध्यान नहीं दिया जा रहा. अब संक्रमण की वजह से अपनों की सांसे उखड़ता देख स्थानीय लोग कोरोना काल की दुहाई देकर ही सांसों में जहर घोलने वाले कारोबार को बंद करवाने की मांग कर रहे है.

(इनपुट-दीपक व्यास)

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