आदिवासी इलाकों में दम तोड़ता Corona Vaccination अभियान, दर्जनों गांवों में एक भी व्यक्ति ने नहीं लगावाया टीका
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आदिवासी इलाकों में दम तोड़ता Corona Vaccination अभियान, दर्जनों गांवों में एक भी व्यक्ति ने नहीं लगावाया टीका

कोरोना संक्रमण (Coronavirus) की दूसरी लहर के थमने के साथ ही सरकार का जोर प्रदेश में वैक्सीनेशन कार्यक्रम को आगे बढ़ाने पर है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Udaipur : कोरोना संक्रमण (Coronavirus) की दूसरी लहर के थमने के साथ ही सरकार का जोर प्रदेश में वैक्सीनेशन कार्यक्रम को आगे बढ़ाने पर है. वैक्सीनेशन के प्रति लोगों को जागरूकता करने के कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन बात अगर उदयपुर जिले के आदिवासी अंचल की करें तो वहां वैक्सीन को लेकर लोगों में फैले भ्रम के आगे सरकार के सारे प्रयास नाकाफी साबीत हो रहे हैं. आलम तो यह है कि आदिवासी अंचल में दर्जनों को गांव ऐसे भी हैं जहां पर एक भी व्यक्ति ने टीका नहीं लगावा है. 

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कोरोना संक्रमण से बचना है तो वैक्सीन लगाना जरूरी है. आम लोग वैक्सीनेशन (Corona vaccination ) के प्रति जागरूक हो इसको लेकर गांव से लेकर शहर तक के हर गली—मौहल्लों में इन दिनों जागरूकता अभियान का शोर सुनाई दे रहा है, लेकिन उदयपुर जिले के आदिवासी इलाके (Tribal Areas ) कोटडा और गोगुन्दा की बात करें तो यहां पर वैक्सीन को लेकर लोगों में ऐसा भ्रम फैला हुआ है कि लोग वैक्सीन लगवाने को राजी नहीं हो रहे हैं. कोटडा ब्लॉक में तो कई गांव और इलाके ऐसे हैं जहां पर किसी ने वैक्सीनेशन नहीं करवाया है. यही कारण है कि वैक्सीनेशन अभियान शुरू होने के बाद यहां पर अब तक महज 6.39 प्रतिशत लोगों ने ही वैक्सीनेशन करावाया है. कुछ ऐसा ही हाल जिले के अन्य आदिवासी इलाकों के भी है.

उदयपुर जिले में क्या है वैक्सीनेशन की स्थिति

ब्लॉक       चिन्हित लोग        वैक्सीनेशन       प्रतिशत

कोटडा        59433               3800            06.39
गोगुन्दा        62748              19712           31.41
झाडोल        70747              23650            33.42
खेरवाडा       58828              26567           45.16
ऋषभदेव     39655              16931            42.69
लसाडिया      21858               8028            36.72
सलूम्बर        77256              27500           35.59
सराडा          81283              28080           34.54
मावली          77426              45296         58.50
भीण्डर          85264              48007         56.30
बडगांव          47037             23555         50.07
उदयपुर शहर 130437           110809         84.95

आदिवासी इलाकों में वैक्सीनेशन को लेकर आलम तो यह है कि वैक्सीन लगाने के लिए जब स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी इन इलाकों में पहुंचते हैं तो उनके साथ अभद्रता की जा रही है. यही नहीं वृद्ध महिला और पुरूष तो लाठी लेकर मारेन को दौड़ते हैं. जिसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई हैं. 

ऐसा नहीं है कि जिले के पूरे आदिवासी इलाके में वैक्सीनेशन को लेकर भ्रम को स्थिति हो. जिले के अन्य आदिवासी इलाकों में अब तक 30 प्रतिशत से भी अधिक वैक्सीनेशन हों चुका है. वहीं, शहरी क्षेत्र में करीब 85 प्रतिशत लोग वैक्सनेशन करवा चुके हैं. तो वही शहर से सटे इलाकों में भी वैक्सीनेशन को लेकर लोगों के उत्साह देखा जा रहा है. डीआरसीएचओ डॉ. अशोक आदित्य को माने तो लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं, लेकिन आदिवासी समाज के लोगों में शिक्षा के अभाव के चलते उन्हें समजाइश करना मुश्किल होता है.

बहरहाल उदयपुर जिले में कोरोना की रफ्तार को कम करने में भले ही प्रशासन और चिकित्सा महकमा सफल हो गया हो, लेकिन जिले आदिवासी अंचल में वैक्सीनेशन अभियान को गति देना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनाता जा रहा है. ऐसे में प्रशासन को कुछ और प्रयास करने होंगे, जिससे आदिवासी इलाके में भी वैक्सीनेशन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके. ऐसे में हम भी लोगों से अपील करेंगे को कोरोना से बचना है तो टीका लगना जरूरी है और आप अवश्य ही टीका लगवाएं.

रिपोर्ट : अविनाश जगनावत

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