राज्य सरकार की ओर से पंचायतों की आंतरिक जांच शुरू किए जाने और अन्य मुद्दों को लेकर डूंगरपुर जिले का सरपंच संघ विरोध में उतर आया है.
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Dungarpur: राज्य सरकार की ओर से पंचायतों की आंतरिक जांच शुरू किए जाने और अन्य मुद्दों को लेकर डूंगरपुर जिले का सरपंच संघ विरोध में उतर आया है. सरपंच संघ ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए एडीएम को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा और आन्तरिक जांच बंद करने सहित अन्य मांगो को पूरा करने की मांग की है.
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डूंगरपुर जिला सरपंच के जिला अध्यक्ष लीलाराम वरहात के नेतृत्व में जिले के सरपंच आज कलेक्ट्रेट पर एकत्रित हुए इस दौरान सरपंचो ने सरकार द्वारा पंचायतो की आंतरिक जांच करवाने सहित कई अन्य मुद्दों पर प्रदर्शन किया है. इस मौके पर सरपंच संघ के अध्यक्ष लीलाराम वरहात ने कहा कि सरकार और प्रशासन द्वारा ग्राम पंचायतो में समय-समय पर सामाजिक अंकेक्षण, जिला स्तर पर जांच, पंचायत समिति स्तर पर जांचे पहले से करवाई जाती है.
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वहीं अब सरकार ने आंतरिक जांच करवाने के निर्देश दिए है जिसका सरपंच संघ विरोध करता है और आंतरिक जांच को बंद करवाने की मांग करता है. वहीं उन्होंने बताया कि कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड सहायकों की नियुक्ति की गई थी लेकिन उनके मानदेय भुगतान का जिम्मा पंचायतो को दिया है लेकिन पंचायत के पास ऐसा कोई बजट नहीं है जिससे की कोविड सहायकों को उनके मानदेय का भुगतान किया जा सके. ऐसे में सरपंच संघ सरकार से कोविड सहायकों को उनके मानदेय के भुगतान के लिए अलग से बजट दिए जाने की मांग करता है.
वहीं इसके अलावा सरपंच संघ ने सरकार से नरेगा में मेटो द्वारा श्रमिकों की हाजरी सम्बन्धी समस्या आने पर इसे यथावत ऑफलाइन हाजरी किये जाने, केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा बकाया राशि ग्राम पंचायतो में हस्तांतरित करने, नरेगा में मेट कारीगर और सामग्री का भुगतान अतिशीघ्र किये जाने, मनरेगा में श्रमिको का कार्य दिवस 100 से दिन बढाकर 200 दिवस किये जाने और सरपंचो और वार्ड पंचो का मानदेय बढाने की भी मांग की है. प्रदर्शन के बाद जिला सरपंच संघ ने एडीएम को सीएम के नाम अपनी 7 सूत्रीय मांगो को लेकर ज्ञापन भी सौंपा है.
Report: Akhilesh Sharma