डूंगरपुर में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, पंचायत समिति द्वारा गांवों में विकास नहीं
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डूंगरपुर में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, पंचायत समिति द्वारा गांवों में विकास नहीं

डूंगरपुर जिले की चिखली पंचायत समिति की ग्राम पंचायत धनगांव जहां सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी, जेटीए और बीडीओ द्वारा बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

Dungarpur: जनजाति बहुल डूंगरपुर (Dungarpur News) जिले में केंद्र और राज्य सरकार (State-Central Government) की ओर से वनवासियों की बेहतरी और राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए बड़ी धनराशि हर साल खर्च की जाती है लेकिन पंचायतों के सरपंच, सचिव, जेटीए और बीडीओ की मिलीभगत से विकास जमीन पर दिखाई नहीं दे रहा है. बिना काम करवाए राशि उठाकर सभी में बांटी जा रही है. यह ताजा मामला डूंगरपुर जिले की धनगांव पंचायत का है, जहां पर बिना कार्य करवाए ही सरपंच, सचिव, जेटीए और बीडीओ ने लाखों रुपये की आपस में रेवड़ी बाट ली. 

डूंगरपुर जिले की चिखली पंचायत समिति की ग्राम पंचायत धनगांव जहां सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी, जेटीए और बीडीओ द्वारा बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. पंचायत क्षेत्र में  विभिन्न योजनाओं में सीसी सड़कें, स्कूलों की चारदीवारी, स्कूलों में हैंडपंप लगाने के कार्य प्रमुख रूप से पिछले कुछ वर्षों में स्वीकृत तो हुए लेकिन उनके लिए जारी बजट बिना काम करवाए ही पंचायत के सरपंच महेंद्र, ग्राम विकास अधिकारी प्रभुलाल, जेटीए प्रतीक और इस कार्यकाल में पदस्थ चीखली पंचायत समिति के सभी बीडीओ साहब की जेब में चला गया है. 

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कुछ प्रमुख कार्यों की सूची जो मौके पर किए बिना बजट उठाकर काम पूरे बता दिए गए है

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इसमें खास बात यह है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में कई सरकारी कर्मचारियों के फर्जी जॉब कार्ड बनाए गए और नियमों के विपरित रिकॉर्ड में उनकी मस्टररोल में उपस्थिति दर्ज की गई. इसमें पूरे के पूरे परिवार के नाम फर्जी तरीके से दर्ज हुए. साथ ही इन सभी की मजदूरी अज्ञात व्यक्तियों के बैंक खाते में डालकर धोखाधड़ी भी करने के किस्से सामने आए है. वहीं, इसमें कई पेंशनर्स भी शिकार हुए है. इधर, इस मामले में जब जिला परिषद सीईओ से बात की गई तो उन्होंने केमरे के सामने कुछ भी बोलने से मना कर दिया और मामले की जांच करवाने की बात कही. 

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ऐसा नहीं है की यह मामला विभाग के आला अधिकारियों तक नहीं पहुंचा हो. पंचायत के उपसरपंच और ग्रामीणों ने मामले की शिकायत कई बार जिला परिषद सीईओ, जिला कलेक्टर व क्षेत्रीय विधायको तक की गई लेकिन आधा दर्जन से ज्यादा बार शिकायतें करने के बाद भी जिले के जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए है. वहीं, अब देखना होगा कि धनगांव के विकास के नाम पर लाखों का गबन करने वाले कानून के शिकंजे में आएंगे और इसी तरह जनता के पैसे की लूट मचती रहेगी. 

Reporter- Akhilesh Sharma

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