पॉलीथिन मुक्त डूंगरपुर बनाने को लेकर नुक्कड़ नाटक के जरिए दिया गया संदेश
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पॉलीथिन मुक्त डूंगरपुर बनाने को लेकर नुक्कड़ नाटक के जरिए दिया गया संदेश

स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में डूंगरपुर नगर परिषद 50 हजार की आबादी में देशभर में पहले पायदान पर रही. स्वच्छता के सर्वोच्च शिखर पर बने रहने के लिए परिषद लगातार नए प्रयोग कर रही है.

पॉलीथिन मुक्त डूंगरपुर बनाने को लेकर नुक्कड़ नाटक के जरिए दिया गया संदेश

Dungarpur: स्वच्छता में देशभर में सिरमौर डूंगरपुर शहर को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए नगर परिषद ने अभियान छेड़ रखा है. परिषद के इस अभियान में शहर की 6 बेटियों के साथ 16 युवाओं की टीम सारथी बनी है. युवाओं की टीम द्वारा सड़कों पर नुक्कड़ नाटक के जरिये पॉलीथिन मुक्त शहर बनाने का संदेश दिया जा रहा है. इतना ही नहीं व्यापारियों और लोगों से पॉलीथिन का इस्तेमाल नहीं करने की अपील की जा रही है.

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स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में डूंगरपुर नगर परिषद 50 हजार की आबादी में देशभर में पहले पायदान पर रही. स्वच्छता के सर्वोच्च शिखर पर बने रहने के लिए परिषद लगातार नए प्रयोग कर रही है. शहर को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए नगर परिषद ने अभियान छेड़ रखा है. नगरपरिषद के इस अभियान से अब ध्रुवी द्विवेदी और गौरांग चौबीसा के साथ 16 युवाओं की टीम भी जुड़ी है. शहर को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए युवाओं की टीम सड़कों पर जागरूकता का संदेश दे रही है.

शहर में जगह-जगह पर सड़कों पर नुक्कड़ नाटक के जरिये लोगों को पॉलीथिन थैलियों के इस्तेमाल से होने वाले खतरे के बारे में बताया जा रहा है. इसी के तहत शहर के ओटे में आज युवाओं ने नुक्कड़ नाटक पेश किया. नगर परिषद के सभापति अमृत कलासुआ ने कहा कि शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए पॉलीथिन मुक्त करना जरूरी है. पॉलीथिन मुक्त शहर के लिए जागरूकता का संदेश दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि परिषद की ओर से रोजाना 1 हजार कपड़ों की थैलियां बनवाई जा रही हैं. लोगों से कपड़ों की थैलियां ही इस्तेमाल करने की अपील की है.

प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान से मिली प्रेरणा

ध्रुवी द्विवेदी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित होकर उन्होंने भी डूंगरपुर को पॉलीथिन मुक्त बनाने का बीड़ा उठाया है. शिक्षिका ममता यादव ने प्रेरित किया और दोस्त गौरांग के साथ मिलकर नुक्कड़ नाटक की स्क्रिप्ट बनाई. अब शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में सड़कों पर नाटक के साथ लोगों को पॉलीथिन की बजाय कपड़ों की थैली इस्तेमाल करने के संदेश दे रहे है. ध्रुवी बताती हैं कि पॉलीथिन ना तो गलता है और ना ही जलता है. इससे पर्यावरण को भारी नुकसान होता है. पॉलीथिन से पर्यावरण, जीव-जंतु,मनुष्य के स्वास्थ्य पर किस तरह से खराब असर पड़ता है इसके बारे में जागरूकता फैलाई जा रही है.

Report- Akhilesh Sharma

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