Udaipur News: सलूंबर विधायक अमृतलाल मीणा का निधन, अंतिम संस्कार में CM भजनलाल सहित अन्य राजनीतिज्ञ हुए शामिल
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2374606

Udaipur News: सलूंबर विधायक अमृतलाल मीणा का निधन, अंतिम संस्कार में CM भजनलाल सहित अन्य राजनीतिज्ञ हुए शामिल

Udaipur Big News: उदयपुर के ठेठ आदिवासी क्षेत्र सलूंबर से भाजपा विधायक अमृत लाल मीणा का देर रात निधन हो गया. हार्ट अटैक से विधायक अमृतलाल मीणा का निधन हो गया. अमृतलाल क्षेत्र में इतने लोक प्रिय थे कि लगातार तीन बार से जनता उन्हें अपना विधायक चुन रही थी.

Udaipur News

Udaipur Big News: राजस्थान के उदयपुर के ठेठ आदिवासी क्षेत्र सलूंबर से भाजपा विधायक अमृत लाल मीणा का देर रात निधन हो गया. अमृतलाल क्षेत्र में इतने लोक प्रिय थे कि लगातार तीन बार से जनता उन्हें अपना विधायक चुन रही थी. वहीं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित पक्ष और विपक्ष के नेताओं के साथ ही प्रमुख लोगों ने विधायक मीणा के निधन पर शोक व्यक्त किया है.

 

प्रदेश की सबसे बड़ी अदालत राजस्थान विधानसभा में आदिवासियों के मुद्दे उठाने वाले आदिवासी नेता और बीजेपी के सलूंबर से विधायक अमृतलाल मीणा की आवास अब खामोश हो गई है. 65 वर्षीय अमृतलाल मीणा ने देर रात उदयपुर के एमबी अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनके निधन की सूचना मिलते ही जिले के भाजपा पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि अस्पताल पहुंचे. 

 

उनके निधन से क्षेत्र और बीजेपी पार्टी में शोक की लहर दौड़ गई. उनके अंतिम संस्कार में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित अन्य राजनीतिज्ञ पहुंचे. अमृतलाल मीणा की क्षेत्र में आदिवासी नेता के तौर पर पहचान थी. वो जुझारू नेता होने के साथ-साथ बीजेपी के कर्मठ कार्यकर्ता थे. अमृतलाल मीणा अपने इलाके के मुद्दों को विधानसभा में शिद्दत से उठाते थे. उनकी लोकप्रियता ही थी जो वे जीत की हैट्रिक बना पाने में सफल हुए थे. 

 

मीणा ने व्यक्तिगत स्तर पर भी क्षेत्र की जनता में अपनी गहरी पैठ बना रखी थी. सेमारी सराड़ा क्षेत्र के लालपुरिया गांव में जन्मे मीणा राजनीति के साथ ही सामाजिक क्षेत्र में भी हमेशा सक्रिय रहे. राजस्थान विधानसभा में विभिन्न समितियों में सदस्य रहे. भाजपा प्रदेश प्रतिनिधि के साथ ही आदिवाासी समाज संगठन में महामंत्री भी रहे.

 

सरल स्वभाव के लिए पहचाने जाने वाले अमृत लाल का जनता से जुड़ाव का अपना अलग तरीका था. बताया जाता है कि वे दौरे पर निकलते तो रात होने पर घर लौटने के बजाय आसपास किसी ग्रामीण के घर पर रुक जाते. ग्रामीण के घर ही भोजन कर लेते और आंगन में चारपाई पर सो जाते थे. रात को चौपाल लगकार ग्रामीणों की समस्या भी सुन लेते थे. 

 

अगले दिन सुबह होते ही दूसरे क्षेत्र के लिए निकल जाते थे. ज्यादातर विधायक ऐसा चुनाव के समय करते हैं, लेकिन अमृत लाल मीणा के लिए ऐसा करना रूटीन में शामिल था. यही कारण है कि जनता ने अमृतलाल को लगातार तीन बार चुनकर विधानसभा भेजा.

 

विधायक अमृतलाल मीणा अपने क्षेत्र के विकास और जनता के लिए हमेशा सक्रिय रहते थे. विधानसभा में भी लगातार क्षेत्र की जनता के मुद्दे उठाते रहते थे. बजट सत्र में विधानसभा में 98 सवाल लगाए , उनके दस सवालों के जवाब आ गए. 88 सवालों का जवाब आना बाकी है. उससे पहले ही भगवान से बुलावा आ गया. अब सवाल जवाब भगवान से ही होंगे. 

 

विधायक अमृतलाल मीणा का विधानसभा प्रश्नकाल में 29 जुलाई को आखिरी सवाल लगा था. किसको पता था कि मीणा का यह आखिरी सवाल होगा. प्रदेश में विधवा और वृद्धावस्था योजना के लाभार्थियों को लेकर प्रश्न था. सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने जवाब दिया था. अमृत लाल मीणा 20 साल राजनीति में सक्रिय रहे. ​​​​​​सराड़ा पंचायत समिति सदस्य के रूप में पहला चुनाव लड़कर राजनीतिक जीवन का सफर शुरू किया. 

 

पहले पंचायत समिति नेता प्रतिपक्ष बने तथा फिर उदयपुर जिला परिषद के सदस्य बने. उसके बाद 2013 में सलूम्बर विधानसभा क्षेत्र का पहला चुनाव पूर्व विधायक बसंती देवी मीणा के सामने जीते, दूसरा चुनाव 2018 में कांग्रेस के दिग्गज नेता रघुवीर सिंह मीणा को हराकर जीते तथा तीसरे चुनाव 2023 में फिर से रघुवीर मीणा से जीतकर लगातार तीसरी बार विधायक बने. हालांकि फर्जी मार्कशीट के मामले में जुलाई 2021 में अमृतलाल मीणा को जेल भी जाना पड़ा था. 

 

दरअसल वर्ष 2015 में अमृत लाल मीणा की पत्नी शांता देवी सेमारी से सरपंच का चुनाव जीती थी. लेकिन, प्रतिद्वंदी उम्मीदवार सुगना देवी ने शांता देवी की फर्जी मार्कशीट को लेकर शिकायत दर्ज कराई.सीबीसीआईडी ने मामले की जांच शुरू की तो विधायक की पत्नी की मार्कशीट फर्जी निकली. फिर मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया. 

 

सुप्रीम कोर्ट ने विधायक अमृतलाल मीणा को स्थानीय कोर्ट में सरेंडर के आदेश दिए. जिस पर उन्होंने जमानत याचिका दायर की. लेकिन, कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए मीणा को जेल भेज दिया था. ऐसे में अमृतलाल मीणा को 10 दिन से ज्यादा जेल में भी रहना पड़ा था. इसके बाद भी जनता का अमृतलाल पर जनता का भरोसा कम नहीं हुआ और वर्ष 2023 में वो विधायक का चुनाव जीते.

 

Trending news