किसी भी इंसान की निगाहों में...छल, कपट, साजिश...फरेब...अंधी महत्वाकांक्षा...ये सब कुछ नहीं दिखता...। लेकिन, कोई ना कोई जेहन...हर वक्त लिखने की फिराक में रहता है, जुर्म का किताब...। जिसका हर पन्ना...शातिर इरादों से भरा रहता है...। क्राइम अलर्ट खोलता है, उन्हीं काली किताबों के पन्ने...और करता है आपको आगाह....कि हर वक्त रहें सतर्क.....क्योंकि...किसी भी गली में आपको मिल सकता है...एक गुनहगार....।