महिलाएं अपने घर परिवार की सुख समृद्धि के लिए भगवान की पूजा पाठ करती हैं.
महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा भावुक होती हैं, इसलिए अपने तनाव को दूर करने के लिए और मानसिक शांति के लिए पूजा-पाठ करती हैं.
महिलाओं की पूजा खुद तक सीमित नहीं होती है, वो अपने परिवार और कुटुंब की रक्षा की कामना के साथ पूजा पाठ करती हैं.
पुरानी मान्यताएं और परंपराओं ने महिलाओं को ऐसा बनाया है, पूजा पाठ आत्मबल को बढ़ाता है.
महिलाओं को पूजा पाठ से शक्ति मिलती है और एक अदृश्य सहारा भी कोई उनके साथ हमेशा रहेगा.
एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर कोई ऐसी घटना घटे जो नेगेटिव हों तो महिलाओं के स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है
और स्ट्रेस-हॉरमोन यानी तनाव पैदा करने वाले हॉरमोन का स्तर बढ़ जाता है
रिपोर्ट के मुताबिक महिलाएं तनाव या परेशानी के समय कैसे पूजा के जरिए इससे बाहर आ जाती है ये तारीफ के लायक हैं.
एक मान्यता के अनुसार महिलाओं को पूजा पाठ के समय सिर ढककर ही पूजा करनी चाहिए.
सिर पर सहस्त्रासार चक्र होता है, इस ढककर ही पूजा करनी चाहिए ताकि नेगेटिविटी दूर रहें.