राजस्थान में कब होगी गणगौर पूजा, कौन हैं माता गणगौर?

Sneha Aggarwal
Apr 08, 2024

गणगौर पूजा

इस साल यानी 2024 में राजस्थान में 11 अप्रैल को गणगौर पूजा की जाएगी.

प्रचलित

गणगौर पूजा राजस्थान में काफी ज्यादा प्रचलित है.

गौर

गणगौर माता पार्वती का गौर अर्थात श्वेत रूप कहा जाता है.

गौरी और महागौरी

गणगौर माता को गौरी और महागौरी भी कहा जाता है. वैसे तो अष्टमी के दिन इनकी पूजा की जाती है.

विदाई

लेकिन चैत्र नवरात्रि की तृतीया माता गौर की इसलिए पूजा की जाती है क्योंकि राजस्थान की लोक परंपरा के मुताबिक, इस दिन माता रानी की अपने मायके से विदाई हुई थी.

गणगौर का अर्थ

गणगौर दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें गण का अर्थ शिव और गौर का अर्थ गौरी है.

घूलंडी के दिन

कहा जाता है कि माता गौरी होली के दूसरे दिन यानी घूलंडी वाले दिन अपने मायके आती हैं. इसके बाद आठ दिनों के बाद ईसर यानी भगवान शिव उनको लेने आते हैं.

गणगौर

ऐसे में इस विदाई के दिन को ही गणगौर का त्योहार कहा जाता है.

शादीशुदा और कुंवारी

गणगौर पूजा शादीशुदा महिला और कुंवारी लड़कियां करती हैं.

सौभाग्य की कामना

शादीशुदा महिला पूजा में पति की लंबी उम्र और सौभाग्य की कामना करती हैं. वहीं, कुंवारी लड़कियां देवी पार्वती और शिवजी से अच्छे वर की कामना करती हैं.

डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.

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